भोपाल। चिरायु हॉस्पिटल भोपाल के संचालक डॉ. अजय गोयनका की रणनीति फेल हो गई। विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले नवंबर 2022 में डॉक्टर गोयनका ने कमलनाथ की तारीफ में कसीदे पढ़े थे। एक खास रणनीति के तहत सार्वजनिक बयान दिया था लेकिन सब कुछ बेकार चला गया। विधानसभा में चिरायु अस्पताल का मामला गूंज गया।
डॉ. अजय गोयनका ने क्या बयान दिया था
दिनांक 13 नवंबर 2022 दिन रविवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में आयोजित कांग्रेस स्वास्थ्य एवं चिकित्सा प्रकोष्ठ के कार्यक्रम में डॉ. अजय गोयनका ने कमलनाथ को धन्यवाद देते हुए सार्वजनिक मंच से कहा था कि कोरोनावायरस से पीड़ित मरीजों का सरकारी खर्चे पर इलाज का फैसला कमलनाथ ने दिया था और यह बहुत अच्छा फैसला था। इस प्रकार डॉ अजय ने सबके सामने यह कहा था कि उनके प्राइवेट अस्पताल को सरकारी खर्चा कमलनाथ ने दिया।
मध्यप्रदेश विधानसभा अविश्वास प्रस्ताव में क्या हुआ
नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने चिरायु अस्पताल का मामला सदन में उठाया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में चिरायु अस्पताल को 70 करोड रुपए सरकार ने दिए। इस पैसे से भोपाल के सरकारी अस्पतालों को प्राइवेट अस्पताल से अच्छा बना सकते थे। उन्होंने कहा कि आप कह सकते हो कि चिरायु को जमीन कांग्रेस की सरकार ने दी थी, लेकिन कैचमेंट एरिया की जमीन आपने दे दी। कोरोना काल में सबसे ज्यादा मौतें चिरायु अस्पताल में ही हुई हैं।
डॉ. अजय गोयनका की रणनीति फेल
डॉ अजय ने कांग्रेस कार्यालय में आकर कहा था कि सरकारी खजाने से उनके अस्पताल को पैसे देने का फैसला कमलनाथ ने किया था फिर भी कांग्रेस पार्टी ने उसी मामले को विधानसभा में उठा दिया। इसके साथ-साथ भोपाल की जीवनदाई झील के केचमेंट एरिया में अस्पताल के कंस्ट्रक्शन का मामला भी विधानसभा में उठ गया। इतना ही नहीं नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा में यह दावा भी किया कि कोरोना काल में सबसे ज्यादा मौतें चिरायु अस्पताल में हुई।