रोहित श्रीवास्तव, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शनिवार को संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ जो व्यवहार हुआ उसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। ऐसी स्थिति में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को ऐसे नेताओं और संगठनों की जरूरत है जो उनके साथ जमीन पर खड़े दिखाई दें, परंतु कांग्रेस पार्टी के नेता कमलनाथ ऐसे मौके पर भी अपनी मार्केटिंग कर रहे हैं। चलिए मान लेते हैं कि स्वास्थ्य कारणों से कमलनाथ भूख हड़ताल नहीं कर सकते परंतु उनके उत्तराधिकारी नकुलनाथ तो कर सकते हैं। उत्तराधिकार है तो जिम्मेदारी भी निभानी चाहिए। उन्हें कंधे से कंधा मिला कर खड़ा होना चाहिए।
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के मामले का संक्षिप्त विवरण
दिनांक 24 दिसंबर 2022 दिन शनिवार को संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ जो कुछ भी हुआ उसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। यह मध्यप्रदेश की परंपरा भी नहीं है। जेपी अस्पताल में प्रदर्शनकारी कैबिनेट मंत्री डॉ प्रभु राम चौधरी कार के सामने इसलिए आकर खड़े हो गए थे क्योंकि उन्होंने चिकित्सा मंत्री होने के नाते संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को नियमितीकरण का आश्वासन दिया था। सवाल पूछना उनका अधिकार था, मंत्री जवाब दिए बिना जाने की कोशिश कर रहे थे इसलिए उनकी कार के सामने खड़े हो गए। यह कोई अपराध नहीं था। इसके बावजूद 10 प्रदर्शनकारियों को अपराधियों की तरह रस्सी से बांधकर ले जाया गया और कार्यपालक मजिस्ट्रेट द्वारा जमानत मंजूर कर दिए जाने के बाद अचानक जमानत की कार्यवाही रोक दी गई और 8 कर्मचारियों को जेल में डाल दिया गया।
प्रदर्शनकारी जेल में और कमलनाथ मार्केटिंग कर रहे हैं
विपक्ष का प्रमुख दल होने के नाते कांग्रेस पार्टी के नेताओं को रात में ही प्रदर्शनकारियों की मदद के लिए पहुंच जाना चाहिए था। सुबह से संविदा कर्मचारियों के साथ सड़क पर नजर आना चाहिए था, परंतु ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। कांग्रेस की तरफ से सीएम कैंडिडेट कमलनाथ ने केवल एक ट्वीट किया है। इसमें भी उन्होंने ना तो सरकार को चेतावनी दी है और ना ही कोई अपील की है बल्कि अपनी मार्केटिंग की है, आप भी पढ़िए:-
संविदा स्वास्थ्यकर्मियों को रस्से से बाँध कर ले जाना और जेल में ठूँस देना अंग्रेज़ी हुकूमत की याद दिलाता है। मेरी सरकार ने संविदाकर्मियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, लेकिन सत्तालोभियों ने सरकार गिरा दी। मैं संविदाकर्मियों को नियमित करने के लिये आज भी वचनबद्ध हूँ।
संविदा स्वास्थ्यकर्मियों को रस्से से बाँध कर ले जाना और जेल में ठूँस देना अंग्रेज़ी हुकूमत की याद दिलाता है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) December 25, 2022
मेरी सरकार ने संविदाकर्मियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, लेकिन सत्तालोभियों ने सरकार गिरा दी।
मैं संविदाकर्मियों को नियमित करने के लिये आज भी वचनबद्ध हूँ।