भोपाल। जैसे जैसे चुनावी समर अपना रूप ले रहा है, वैसे वैसे राजनीतिक दल कर्मचारियों को साधने में जुट गए हैं। इसी तारतम्य में भाजपा के कद्दावर नेता पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने अस्थाई एवं आउटसोर्स कर्मचारियों को बुलाया और सरकार के सामने बात रखने की बात बोली थी।
इसी तारतम्य में महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों का एक प्रदेश स्तरीय प्रतिनिधि मंडल डॉ देवराज सिंह एवं डॉ बीएल दोहरे के नेतृत्व में मिला जिसमें गुप्ता को पूरी बात से और घटनाक्रम से अवगत कराया। जिस पर उमाशंकर गुप्ता ने स्पष्ट शब्दों में कहा की अतिथि विद्वानों की मांग बिल्कुल जायज़ है। हम जब उच्च शिक्षा मंत्री थे उस समय आपके हित में कई निर्णय लेने की कोशिश की थी।
साथ ही उन्होंने कहा की खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी काफी संवेदन शील मुख्यमंत्री है। आपके आंदोलन में भी गए थे। हम फिर अतिथि विद्वानों की मांग पूर जोर तरीके से सरकार के सामने रखेंगे और निराकरण करवाएंगे। प्रतिनिधिमंडल में डॉ उमाशंकर कुल्हारे,डॉ अविनाश मिश्र,डॉ संजय पांडेय,डॉ राजेश पाटिल,डॉ दुर्गेश,डॉ भगवान दास धार्मिक उपस्थित रहे।
विधानसभा में चर्चा करके अतिथि विद्वानों का फैसला करें
महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों के मुद्दे पर चर्चा सदन में होनी चाहिए, क्योंकि आज़ तक कोई भी राजनीतिक दल अतिथि विद्वानों के हित में निर्णय नही लिए हैं। मेरा आग्रह है की सदन में भाजपा और कांग्रेस दोनों आपसी सहमति तालमेल बनाकर मध्य प्रदेश के मूल निवासी अतिथि विद्वानों के हित में निर्णय लें,नियमित कर भविष्य सुरक्षित करें।
डॉ आशीष पांडेय, मीडिया प्रभारी