ग्वालियर। मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा व्यापार मेला दिनांक 25 दिसंबर 2022 से शुरू होना है लेकिन मेला मैदान खाली पड़ा हुआ है। 75% दुकानदारों ने अब तक अपनी दुकानें नहीं लगाई है। कहा जा रहा है कि कोरोनावायरस की खबरों के चलते ऐन मौके पर दुकानदारों ने अपना डिसीजन बदल दिया है। सनद रहे कि 2021 में दुकानदारों को कोविड-19 प्रोटोकॉल के कारण भारी घाटा उठाना पड़ा था।
केंद्र सरकार की एडवाइजरी के बाद ग्वालियर मेला पर संकट
केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि फेस मास्क पहनना अनिवार्य नहीं है परंतु अपील की जा रही है कि लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। इस बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सलाह दी है कि भीड़ में जाने से बचें। देश के सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान एम्स में कोविड-19 प्रोटोकॉल लागू कर दिया गया है। भारतीय सेना ने भी अपने सैनिक एवं कर्मचारियों के लिए कोरोनावायरस प्रोटोकॉल लागू कर दिया है। हर रोज बदलती परिस्थितियों के कारण ग्वालियर मेले पर संकट खड़ा हो गया है।
ग्वालियर मेला के दुकानदार रिस्क लेने के मूड में नहीं है
ग्वालियर व्यापार मेला में 50% दुकानदार ग्वालियर से लेकर बाहर से आते हैं। सन 2021 में उन्हें भारी घाटा उठाना पड़ा। सरकार की तरफ से कोई राहत नहीं दी गई। इस बार मेला शुरू होने से पहले संक्रमण की खबर आना शुरू हो गई है। इनके अलावा अमेरिका में भी यह वायरस तेजी से फैल रहा है। भारत के केरल राज्य में संक्रमित नागरिकों की संख्या 1000 से अधिक हो गई है। दुकानदारों का कहना है कि ग्वालियर मेला 3 दिन का नहीं है इसलिए 2021 जैसी रिस्क उठाने के लिए वह बिल्कुल तैयार नहीं है।