ग्वालियर। बिना कोटेशन के अपने पसंदीदा दुकानदार से स्टेशनरी खरीदने का अपराध साबित हो जाने के बाद पूर्व मंत्री श्री भगवान सिंह यादव एवं सहकारी बैंक के तत्कालीन जिला प्रबंधक श्री डीके जैन को 3-3 साल जेल की सजा सुनाई गई है। इन दोनों के साथ चार अन्य= कुल 6 लोगों को दंडित किया गया है।
GWALIOR BREAKING- 5 साल तक जांच के बाद 9 नेता एवं अधिकारियों के खिलाफ FIR
मामला जिला सहकारी बैंक में 24 साल पहले हुए स्टेशनरी घोटाले का है। श्री भगवान सिंह यादव उन दिनों सहकारी बैंक के चेयरमैन हुआ करते थे। बैंक के ही एक कर्मचारी सतीश शर्मा ने EOW में शिकायत करते हुए बताया था कि महिला बहुउद्देशीय सहकारी संस्था मर्यादित गढ़रौली को स्टेशनरी सप्लाई का आर्डर नियमों के विरुद्ध दिया गया है। इन्वेस्टिगेशन में पाया गया कि कोटेशन की औपचारिकता भी पूरी नहीं की गई थी। सन 2004 में शिकायत हुई थी और 5 साल तक चलती रही। सन 2009 में EOW ने भगवान सिंह यादव सहित कुल 9 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की और सजा निर्धारित करने के लिए न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया।
GWALIOR TODAY- सहकारी बैंक स्टेशनरी घोटाले में कुल 6 लोगों को सजा
शासकीय अधिवक्ता श्री धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि, मुकेश माथुर एवं रजनी मुले के खिलाफ EOW द्वारा पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए गए थे इसलिए कोर्ट ने दोनों को बरी कर दिया जबकि तत्कालीन चेयरमैन श्री भगवान सिंह यादव एवं जिला प्रबंधक श्री डीके जैन को 3-3 साल जेल की सजा सुनाई। इसी अपराध में उनके साथी स्टोर कीपर ईशान चंद्र अवस्थी एवं गजेंद्र श्रीवास्तव, महिला बहुउद्देशीय सहकारी संस्था की अध्यक्ष शीला गुर्जर तथा संजीव शुक्ला को 4-4 साल जेल की सजा सुनाई गई है।