ग्वालियर। ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए लोकसभा चुनाव 2024 प्रतिष्ठा का प्रश्न है। कहा जा रहा है कि वह अपने पिता कैलाश वासी माधवराव सिंधिया की सीट पर वापस आना चाहते हैं। इस चर्चा को आज उस समय समर्थन मिला जब उनकी पत्नी श्रीमती प्रियदर्शिनी राजे का पहला पॉलिटिकल मॉर्निंग वॉक हुआ।
प्रियदर्शनी की मॉर्निंग वॉक को पॉलिटिक्स कैसे कह सकते हैं
याद दिलाने की जरूरत है कि ग्वालियर में ज्योतिरादित्य सिंधिया का 600 कमरों का महल (जय विलास पैलेस क्षेत्रफल 1,240,771 वर्ग फ़ीट) है। यह अपने आप में इतना बड़ा क्षेत्रफल है कि मॉर्निंग वॉक करने के लिए श्रीमती प्रियदर्शिनी राजे को सिक्योरिटी बाउंड्री वॉल क्रॉस करने की जरूरत नहीं है। आज उन्होंने ग्वालियर में पहली पॉलिटिकल मॉर्निंग वॉक की। जय विलास पैलेस से पैदल चलते हुए कैंसर पहाड़िया पहुंची। लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। पकोड़े खाए और सेल्फी भी ली।
जब दुनिया की सबसे स्वस्थ महिलाओं में से एक मॉर्निंग वॉक के दौरान पकोड़े खाए तो समझ लेना चाहिए कि यह पॉलिटिकल इवेंट है। दूसरा कारण यह भी है कि जब आसमान में बादल छाए हुए हों। तब सुबह 9 बजे श्रीमती प्रियदर्शिनी राजे अचानक महल से मॉर्निंग वॉक के लिए निकलें और मीडिया भी पहुंच जाएं तो कंफर्म हो जाता है कि यह पॉलिटिकल इवेंट है।
कैंसर पहाड़िया ग्वालियर का नाम बदलेगा क्योंकि श्रीमती सिंधिया ने मुद्दा उठाया है
कैंसर पहाड़िया ग्वालियर का नाम बदल जाएगा क्योंकि आज मॉर्निंग वॉक के दौरान श्रीमती प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया ने यह मुद्दा उठा दिया है। उन्होंने कहा कि, ‘कैंसर हिल’ नाम दर्द देता है, इसका नाम बदलकर ‘संजीवनी हिल’ कर देना चाहिए। इस मुद्दे पर उन्होंने कैंसर पहाड़ी पर मौजूद कुछ लोगों से बातचीत की और सुझाव मांगे। अब, जबकि श्रीमती प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया ने मुद्दा उठाया है तो सरकार को नाम बदलने में क्या आपत्ति हो सकती है।