ग्वालियर। केंद्रीय मंत्री और ग्वालियर की राजनीति के महाराजा साहब श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों ने एयरपोर्ट पर कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया को जब बुआजी कहकर पुकारा तो उन्होंने तपाक से दो टूक जवाब दिया, बुआजी नहीं, मैं यशोधरा राजे सिंधिया हूं। इसके साथ ही उनकी आंखों ने वह सब बयां कर दिया जो सिर्फ समझा जा सकता है।
ग्वालियर की राजनीति में काफी कुछ उबल रहा है
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में वैसे तो मौसम सर्दी का चल रहा है परंतु राजनीति में काफी गर्मी आ गई है। पिछले दिनों ग्वालियर की महारानी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया ने एक बार में तीन ब्रेकिंग न्यूज़ हेडलाइंस दी।
1. अचानक महल से निकलकर पैदल-पैदल कैंसर पहाड़िया जा पहुंची।
2. मॉर्निंग वॉक के बाद पकोड़े खाए। जबकि वह दुनिया की उन महिलाओं में शामिल है जो स्वास्थ्य के प्रति सबसे ज्यादा संवेदनशील होती हैं।
3. पत्रकारों को बुलाकर कहा कि कैंसर पहाड़िया नाम अच्छा नहीं लगता। डर लगता है। इसका नाम बदलना चाहिए। फिर लोगों को बुलाकर पूछा कि इसका नया नाम क्या रखना चाहिए। जबकि प्रियदर्शनी राजे सिंधिया राजनीति नहीं करती। केवल चुनाव के समय अति आवश्यक होने पर महाराज साहब श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रचार करती हैं। पहली बार राजनीति की बात करती हुई दिखाई दी।
यशोधरा राजे सिंधिया ने पूछा, पूछा पुरानी BJP के लोग नहीं दिख रहे
एक दिन पहले प्रदेश की खेल मंत्री व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ यशोधरा राजे एयरपोर्ट पहुंची। यहां उनका स्वागत करने पहुंचे कार्यकर्ताओं को देखकर उन्होंने पूछा पुरानी BJP के लोग नहीं दिख रहे। यह सच भी था। न उनके स्वागत में भाजपा के जिलाध्यक्ष अभय चौधरी थे न पूर्व अध्यक्ष कमल माखीजानी और भी बड़े नेता नहीं थे। यशोधरा के मुंह से यह सुनकर स्वागत करने पहुंचे सिंधिया समर्थक हक्के-बक्के रह गए। कुछ देर के बाद वह बोले-अरे अब तो हम भी आपके ही हो गए हैं बुआजी। यहां फिर यशोधरा बोलीं कि बुआजी नहीं, मैं यशोधरा राजे सिंधिया हूं।
यशोधरा राजे घटनाक्रम के क्या मायने निकालें
- भारतीय जनता पार्टी की ग्वालियर इकाई ने कैबिनेट मंत्री का औपचारिक स्वागत भी नहीं किया। पार्टी प्रोटोकॉल का उल्लंघन हो गया।
- या फिर भाजपा की ग्वालियर इकाई को सिर्फ पोलिंग बूथ और वार्ड में विस्तार का काम दिया गया है। नेताओं का स्वागत सत्कार और पब्लिक इवेंट में भागीदारी का काम ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों को मिल गया है।
- या फिर भाजपा की ग्वालियर इकाई ने खुद को सिंधिया से अलग कर लिया है।
ऐसा क्यों कहा- बुआजी नहीं, मैं यशोधरा राजे सिंधिया हूं
- स्पष्ट करना चाहती थीं कि वह राजमाता विजयराजे सिंधिया की भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता पहले हैं, और इसी पहचान के साथ आगे बढ़ना चाहती हैं।
- स्पष्ट कर दिया कि भारतीय जनता पार्टी में उनका अस्तित्व, ज्योतिरादित्य सिंधिया के अस्तित्व से अलग है।
- क्लियर मैसेज दिया है कि वह भारतीय जनता पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ हैं और उन्हें दल बदलू कार्यकर्ताओं की मालाओं की जरूरत नहीं है।