इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज में आयोजित हुई आरक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर आउट हो गया। प्राइमरी इन्वेस्टिगेशन में परीक्षा निरीक्षक की गतिविधियां संदिग्ध पाई गई। इसके चलते एग्जाम इंस्पेक्टर विजेंद्र सिंह को सस्पेंड कर दिया गया और उनका मोबाइल फोन जप्त कर लिया गया। पता चला है कि उन्होंने मोबाइल फोन जप्त होने से पहले कुछ फोटो डिलीट कर दिए थे।
इंटेलिजेंस की टीम मामले की जांच कर रही है
इंदौर में यह परीक्षा BSF- बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स, कांस्टेबल (ट्रेडमैन) 2788 पदों के लिए आयोजित की गई थी। परीक्षा के तत्काल बाद इंटरनेट पर पेपर वायरल हो गया था। बीएसएफ की गोपनीयता नीति के तहत परीक्षा के पहले या परीक्षा के बाद में पेपर सार्वजनिक नहीं किया जाता। इसलिए मामला गंभीर हो गया। आइजी (बीएसएफ) केके गुलिया ने तत्काल जांच के आदेश दिए। बीएसएफ हेड क्वार्टर ने इंटेलिजेंस को जांच की जिम्मेदारी दी।
प्रथमदृष्या परीक्षा निरीक्षक विजेंद्र सिंह पर शक गया और उसे तत्काल निलंबित कर दिया गया। डिप्टी कमांडेंट (बीएसएफ) ने निरीक्षक का फोन जब्त कर क्राइम ब्रांच को सौंप दिया। उसने फोन से फोटो डिलिट कर दिए थे। डीसीपी (क्राइम) निमिष अग्रवाल ने फोटो और शेष डाटा रिकवर कर बीएसएफ को रिपोर्ट सौंप दी।
परीक्षा निरीक्षक पर शक क्यों हुआ, कार्रवाई क्यों हुई
पर्चे के फोटो परीक्षा हाल में ही खींचे गए थे, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हुआ कि फोटो किस सेंटर के है। कुछ फोटो ऐसे आए जिसमें देवी अहिल्या (आर्ट्स एंड कामर्स) लिखा हुआ था। उसमें रोल नंबर (378) भी नजर आ रहे थे। फोटो डेस्क और घास पर खींचे गए थे। इससे स्पष्ट हो गया कि परीक्षा हाल में मोबाइल गया है।
परीक्षा के दौरान ही फोटो खींचा गया है। उसके साथ में ओरिजनल ओएमआर शीट भी दिखाई दे रही। पेपर और ओएमआर शीट खाली है। यानी परीक्षा शुरू होते ही फोटो खींच लिया गया। फोटो खींचने वाला बीएसएफ कर्मी है, क्योंकि उसमें बूट (डीएमएस) और वर्दी (बीएसएफ पैटर्न) दिखाई दी जो एन्क्लेट बंधा हुआ था। इंटेलिजेंस ने पड़ताल की तो पता चला कि वहां महिला निरीक्षक और विजेंद्र सिंह था। आइजी केके गुलिया ने विरेंद्र का फोन जब्त करवा दिया।