इंदौर। US FED की अति-उच्च ब्याज दर मौद्रिक नीति ने 2022 में gold और silver की कीमतों को दबाव में रखा। हालांकि, फेड द्वारा दरों में बढ़ोतरी की श्रृंखला के बावजूद, मुद्रास्फीति 40 साल के उच्च स्तर के करीब बनी रही, जबकि उभरते बाजार की मुद्रा में भारी अवमूल्य, निवेशकों को सोने और चांदी की तरफ आकर्षित करते रहे।
अर्थव्यवस्था, 2023 का पूर्वानुमान
Bank of Japan, european Central Bank और US FED की कठोर मौद्रिक नीति, वैश्विक विकास दर को क्षति पहुंचने की संभावना से अनिश्चितता बढ़ रही है। अगले साल भी अगर ब्याज दरें बढ़ती रही तो ग्लोबल अर्थव्यवस्था को नुकसान हो सकता है, जिससे हेवन मांग 2023 में बने रहने का अनुमान है।
2023 भारत में सोने का आयात 35% ज्यादा रहेगा
चीन में बढ़ते कोविड मामले, दुनिया के लिए एक बार फिर चिंताओं को बढ़ाने लगे हैं जिससे कीमती धातुओं के भाव घरेलू बाजार में अपने उच्चतम स्तरों के करीब पहुंच गए हैं। हालांकि, लगातार ब्याज दरों में बढ़ोतरी होने के बावजूद, अमेरिका के आर्थिक आकड़ों में सुधार और चीन में कोविड प्रतिबंधों में ढील से कीमती धातुओं की तेज़ी सीमित रही है। भारत में पिछले साल की तुलना में इस साल सोने का आयात 35 प्रतिशत ज्यादा रहने का अनुमान है।
2022 में सोना 13%, और चांदी ने 11% का रिटर्न दिया
पिछले एक साल में डालर ने 11 प्रतिशत बढ़त दर्ज की है और 83 रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। बढ़ती ब्याज दरों के कारण भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्था से फण्ड आउटफ्लो बढ़ा है, जिससे चालू खाते में बढ़ोतरी हुई है और कीमती धातुओं के भाव को सपोर्ट रहा है। घरेलू वायदा बाजार में सोने ने साल-दर-साल 13 प्रतिशत और चांदी ने 11 प्रतिशत का रिटर्न दिया है, जबकि कामेक्स में सोना और चांदी के भाव फ्लैट रहे हैं। दुनिया में फैली महामारी के बीच कठोर मौद्रिक निति, कीमती धातुओं में सुरक्षित निवेश की मांग बढ़ा सकता है।