इंदौर। नगर निगम इंदौर में सफाई कर्मचारी केवल सड़कों की सफाई नहीं कर रहे बल्कि सिस्टम में मौजूद भ्रष्टाचार की सफाई भी कर रहे हैं। सफाई कर्मचारियों ने 2 सप्ताह में दो दरोगा को लोकायुक्त के हाथों ट्रैप करवा दिया है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का कहना है कि अब वो रोकने वाले नहीं है। शोषण के खिलाफ कहां से न्याय मिलेगा, उन्हें पता चल चुका है।
MP NEWS- महिला सफाई कर्मचारी के बेटे ने लोकायुक्त से शिकायत की थी
लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि पाटनीपुरा निवासी रेखाबाई करोसिया के पुत्र विमल की शिकायत पर जोन क्रमांक 19 में आने वाले वार्ड 50 के दारोगा संजय संगत को 11 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा है। रेखाबाई करोसिया वार्ड 50 में सफाई कर्मी के पद पर है। आरोपित दारोगा संजय संगत सफाई कर्मचारियों की प्रतिदिन की उपस्थिति जोन कार्यालय में देता है। इसी आधार पर उनका वेतन जारी होता है।
नगर निगम का दारोगा हाजिरी लगाने के लिए 5500 रिश्वत मांगता है
टीआइ विजय चौधरी ने बताया कि विमल ने शिकायत की थी कि आरोपित दारोगा मेरी मां रेखाबाई से दोनों टाइम की हाजिरी लगाने के एवज में प्रतिमाह 5,500 रुपये की मांग कर रहा था। मेरी मां का अक्टूबर और नवंबर का वेतन आ चुका था, लेकिन संजय उसमें से भी 11 हजार की मांग कर रहा था। उसने धमकी दी कि रुपये नहीं दिए तो दिसंबर का वेतन नहीं निकलने देगा। इसके बाद उन्होंने लोकायुक्त में शिकायत कर दी।
INDORE TODAY- पहले धमकाता था लोकायुक्त की गिरफ्त में आते ही गिड़गिड़ाने लगा
टीआइ चौधरी ने बताया कि तिलक नगर थाने के सामने निगम का छोटा कार्यालय है, जहां पर दारोगा बैठता है। रुपये लेकर उसने वहीं बुलाया था। 11 हजार रुपये लेकर उसने हाजिरी रजिस्टर में रखे, इसी बीच हमने उसे पकड़ लिया। रजिस्टर को भी जब्त किया गया है। पकड़े जाने पर वह गिड़गिड़ाने लगा। पारिवारिक मजबूरी का हवाला देकर सफाईकर्मी से रिश्वत लेने की बात कहने लगा।
पिछले सप्ताह दारोगा रोहित बंडवाल को पकड़ा था
विमल का कहना था कि पहले वह शिकायत करने में घबरा रहा था। पिछले सप्ताह ही लोकायुक्त ने इसी तरह के मामले में जोन 12 के प्रभारी दारोगा रोहित बंडवाल को पकड़ा था। इसके बाद मुझमें हिम्मत आई और मैंने अपनी मां की परेशानी को देखकर लोकायुक्त पुलिस को शिकायत कर दी।