इंदौर। निकट भविष्य में मध्यप्रदेश में हॉस्पिटल की स्टाफ नर्स की यूनिफॉर्म फिक्स की जाएगी, क्योंकि ड्रेस को लेकर इंदौर में डॉक्टर और नर्सों के बीच जंग शुरू हो गई है। स्वभाविक है डॉक्टर लॉबी सरकार के पास जाएगी और सरकार नर्सों के लिए यूनिफार्म फिक्स कर देगी।
स्टाफ नर्स, डॉक्टरों की तरह स्क्रब पहनकर काम करती है
इस लड़ाई की शुरुआत इंदौर के महाराजा तुकोजी राव होलकर हॉस्पिटल से हो रही है। यहां स्टाफ नर्स की ड्रेस का डॉक्टरों ने विरोध किया है। एक आदेश जारी किया गया है जिसमें स्टाफ नर्स को सफेद सलवार सूट पहनने का आदेश दिया गया है और निर्धारित किया गया है कि यदि वह निर्धारित यूनिफॉर्म में उपस्थित नहीं होंगी तो ₹500 का फाइन लगाया जाएगा। दरअसल इस अस्पताल में स्टाफ नर्स, डॉक्टरों की तरह स्क्रब पहनकर काम करती है। ज्यादातर मरीज और उनके परिजन स्टाफ नर्स को, डॉक्टर समझ लेते हैं। डॉक्टरों को इसी बात पर आपत्ति है।
MTH HOSPITAL महिला मरीजों के लिए आरक्षित एवं MGM मेडिकल कॉलेज से संबद्ध है। यूनिफॉर्म निर्धारण को लेकर नर्स और डॉक्टरों के संगठनों के बीच में बहस शुरू हो गई है।
नर्सों के तर्क, सफेद रंग की यूनिफॉर्म क्यों नहीं पहनना
- सफेद बहुत जल्दी गंदा हो जाता है तो खराब लगता है।
- सर्जरी, डिलीवरी या ड्रेसिंग के दौरान खून के दाग लग जाते हैं।
- स्क्रब पहनना आसान है और यह आरामदायक भी है।
- इंडियन नर्सिंग कॉउंसिल की अनिवार्यता नहीं है। अस्पताल रंग को लेकर पाॅलिसी बनाते हैं।
- ओटी में हरा, नीला या गहरा रंग इसीलिए पहनते है ताकि खून देखकर तनाव न हो।
नर्सों की यूनिफार्म को लेकर नियम
रंग या पैटर्न को लेकर पहले नियम थे, अब अस्पताल तय करते हैं। नर्सेस पेंट-शर्ट भी पहनने लगी हैं। आईएनसी का कोई नियम नहीं है।
अंगूरी सिंह, प्राचार्य, नर्सिंग कॉलेज
नर्स और डॉक्टर में फर्क दिखना चाहिए
यूनिफॉर्म का एक रंग होना चाहिए। सफेद हो तो ज्यादा अच्छा है। डॉक्टरों व नर्सों की ड्रेस एक जैसी नहीं हो सकती।
डॉ. नीलेश दलाल, विभागाध्यक्ष, स्त्री रोग, एमटीएच
डोंट वरी, सब सॉल्व हो जाएगा
नर्सेस की ड्रेस को लेकर मामला मेरे संज्ञान में आया था। विभागाध्यक्ष से भी बात हो चुकी है। जल्द समस्या का हल निकाल लेंगे।
डॉ. संजय दीक्षित, डीन, मेडिकल कॉलेज