जबलपुर। विशेष न्यायाधीश सैफी दाउदी ने सिहोरा निवासी लखन कोल को 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। ट्रायल के दौरान यह प्रमाणित हुआ कि लखन ने एक नाबालिग लड़की को झूठे प्यार के जाल में फंसाया और फायदा उठाने के बाद छोड़ दिया।
पीड़ित लड़की को न्याय दिलाने के लिए मध्यप्रदेश शासन की ओर से लोक अभियोजक सुखलाल मार्को ने पक्ष रखा। उन्होंने कोर्ट को बताया कि लड़की की मां ने सिहोरा पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया था कि दिनांक 17 जनवरी 2018 को शाम 6:00 बजे उनकी बेटी घर से खेत के लिए निकली थी, लेकिन फिर वापस नहीं आई। 4 दिन बाद वापस लौट कर आई।
लड़की ने अपनी मां को बताया कि लखन ने उससे शादी का वादा किया था। उसी के कहने पर घर छोड़कर चली गई थी। लखन उसे अपने साथ गौरहा जंगल ले गया। यहां पर खुद को उसका पति बताकर फिजिकल रिलेशन बना लिए और फिर छोड़ दिया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपहरण, बलात्कार एवं पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। अपराध साबित हो जाने पर कोर्ट ने कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
खबर का सबक
पॉक्सो (POCSO) एक्ट के तहत 18 साल से कम उम्र के बच्चों को उनके माता-पिता की अनुमति के बिना कहीं पर भी ले जाना, अपहरण माना जाता है। फिर चाहे बच्चे की मर्जी शामिल हो या ना हो। इसी प्रकार 18 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ शारीरिक संबंध बनाना अपराध माना जाता है। फिर चाहे इसके लिए बच्चा सहमत क्यों ना हुआ हो।