जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने, अपनी मां को परेशान करने वाले बेटे को घर से बेदखल करने का आदेश जारी कर दिया है। बेटे को 30 जनवरी तक का समय दिया गया है। मकान खाली करके अपनी पत्नी के साथ कहीं और चला जाए। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने यह फैसला सुनाया।
जबलपुर कलेक्टर ने मकान खाली करने के आदेश जारी किए थे
जबलपुर निवासी वृद्ध मां गीता रजक की ओर से अधिवक्ता संतोष आनंद ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि बहू की प्रताड़ना से तंग आकर वृद्धा अपनी बेटी के घर पर रह रही है। माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण व कल्याण अधिनियम- 2007 के अंतर्गत कलेक्टर जबलपुर ने मां के आवेदन पर 16 सितंबर, 2022 को राहतकारी आदेश पारित किया था। इसके जरिये पुत्र राजेश रजक को मकान खाली करने के निर्देश दिए थे।
हाई कोर्ट में जबलपुर कलेक्टर के आदेश को सही ठहराया
राजेश रजक ने हाईकोर्ट में कलेक्टर के आदेश को चुनौती दी। उसकी ओर से कहा गया कि वह मां को अपने साथ उसी घर में रखने तैयार है। वहीं राजेश की मां के वकील ने कोर्ट में बताया कि राजेश ने अपनी मां के खिलाफ बंटवारे का मामला सिविल कोर्ट में लगा दिया है। हाई कोर्ट ने पाया कि राजेश ने याचिका में यह महत्वपूर्ण तथ्य छिपाया है। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने कहा कि जब मां स्वयं कोर्ट में उपस्थित है और बहू-बेटे पर आरोप लगा रही है, ऐसी स्थिति में याचिका निरस्त करने लायक है। इसलिए कोर्ट इस सबंध में कोई दलील नहीं सुनेगा। अच्छा यही होगा कि मकान खाली कर दिया जाए।