ज़हे-नसीब या ज़ाह-ए-नसीब शब्द का उपयोग ज्यादातर उर्दू भाषा का प्रयोग करने वाले सभ्य नागरिकों एवं साहित्यकारों द्वारा किया जाता है। कुछ स्थानों पर 'जहनसीब' भी बोला जाता है। फीलिंग तो समझ में आ जाती है लेकिन आइए जानते हैं इस शानदार शब्द का प्रॉपर हिंदी मीनिंग क्या है।
ज़हे-नसीब, शब्द 2 भाषाओं से मिलकर बना है
अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, फारसी एवं गुरुमुखी भाषा में दक्ष लोकप्रिय लेखक उषा वाधवा, नई दिल्ली बताती है कि यह 2 भाषाओं से मिलकर बना हुआ एक शब्द है। इसमें ‘ज़ाह’ फारसी का है और 'नसीब' अरबी का शब्द है। हिंदी भाषा में भाग्य के दो रूपों को 2 शब्दों (सौभाग्य और दुर्भाग्य) में अभिव्यक्त किया गया है।
ज़हे-नसीब शब्द का हिंदी मीनिंग
कई भाषाओं में सौभाग्य और दुर्भाग्य के लिए अलग-अलग शब्द नहीं है। अरबी भाषा में नसीब एक ऐसा ही शब्द है। इसलिए जब कोई सौभाग्य शब्द का उपयोग करना चाहता है तो अरबी भाषा के नसीब शब्द में फारसी भाषा का ज़ाह शब्द जोड़ दिया जाता है। इस प्रकार ज़हे-नसीब का हिंदी अर्थ हुआ सौभाग्य, In English- it's my pleasure।