महिलाओं को इसके बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है कि, कोई पुरूष किसी महिला से शादी का वादा करके उसका विश्वास जीत ले फिर शारिरिक संबंध स्थापित करे एवं बाद में शादी के लिए मना कर दे तो क्या यह बलात्कार (धारा 376) का अपराध माना जाएगा। पढ़िए महत्वपूर्ण जजमेंट:-
प्रमोद सूर्यभान पवार बनाम महाराष्ट्र (निर्णय वर्ष 2019):-
उक्त मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा यह अभिनिर्धारित किया गया कि शादी का झूठा वचन देकर महिला के साथ शारिरिक संबंध स्थापित करना भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 376 के अंतर्गत अपराध गठित नहीं होता है। क्योंकि शारिरिक संबंध बनाने हेतु उसे तैयार करने के लिए महिला को धोखा देना था और यह तथ्य का भूल (भ्रम) है, वचन का कोई भंग एक झूठा होना नहीं कहा जा सकता है। जब तक की उसमे कोई विधि संबंधित भूल न हो।
भारत में हर लड़की को यह बात समझाई जानी चाहिए
सीधे और सरल शब्दों में कहेंगे तो शादी का वचन देकर स्त्री के साथ बनाया गया शारीरिक संबंध बलात्कार का अपराध नहीं होता है क्योंकि उसमें तथ्यों की भूल होती है विधि की नहीं। इसीलिए, भारत में समझदार महिलाएं हमेशा लड़कियों को समझाती हैं कि अपने प्रेमी को तब तक पति नहीं मानना चाहिए जब तक कि उनकी मान्य विधि एवं विश्वास के अनुसार विवाह संस्कार की प्रक्रिया पूरी ना हो जाए। इसका सीधा तात्पर्य यह होता है कि, किसी के प्रेम को स्वीकार करना और उस पर विश्वास करना गलत नहीं है परंतु विश्वास में अंधे होकर मर्यादाओं का उल्लंघन कर जाना हमेशा कष्टकारी होता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com