अपराध दो प्रकार के होते हैं संज्ञेय एवं असंज्ञेय। असंज्ञेय अपराध कम गंभीर प्रवृत्ति वाले होते हैं इसलिए आरोपी को पुलिस द्वारा जमानत देकर छोड़ दिया जाता है। संज्ञेय अपराध, गंभीर प्रवृत्ति के होते हैं। हत्या, बलात्संग, लूट आदि अपराध तो जघन्य अपराधों की श्रेणी में आते हैं। यह गैर जमानती अपराध होते हैं एवं कोर्ट से जमानत मिलती है। प्रश्न यह है कि यदि पुलिस, निर्धारित 60 या 90 दिन के भीतर न्यायालय में चालान पेश नहीं करती तो क्या इस आधार पर आरोपी को जमानत मिल सकती है। पढ़िए, सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण जजमेंट।
राकेश कुमार पॉल बनाम असम राज्य (निर्णय वर्ष 2017)
उक्त मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा यह अभिनिर्धारित किया गया कि यदि पुलिस अन्वेषण 60 दिनों या 90 दिनों के भीतर पूरी नहीं होती है, चाहे जैसा भी मामला हो उसमे तब आरोपी व्यक्ति को बिना कोई प्रतिबंध के जमानत लेने का अधिकार मिल जाता है।
आर्थत साधारण शब्दों में कहे तो पुलिस चालान न्यायालय में 60 दिनों या 90 दिनों के बाद भी दायर नहीं किया जाता है तब आरोपी जी अपनी जमानत के लिए न्यायालय में आवेदन करना चाहिए और न्यायालय को उसे जमानत लेने का अधिकार होगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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