महात्मा गांधी मेमोरियल कॉलेज इंदौर में रैगिंग के मामले में पुलिस ने 10 सीनियर स्टूडेंट्स को नामजद किया। इनमें से छह गिरफ्तार कर लिए गए हैं। शेष 4 विद्यार्थियों की तलाश की जा रही है। सबसे खास बात यह है कि शिकायतकर्ता के मुकर जाने के बावजूद पुलिस की टीम ने कॉलेज में जासूसी करके सबूत जुटाए और कार्रवाई की।
MP COLLEGE NEWS- रैगिंग पीड़ित जूनियर स्टूडेंट्स पर दबाव बना समझौता कराया
संयोगितागंज थाना पुलिस के मुताबिक UGC को मेडिकल स्टूडेंट ने गुप्त शिकायत भेजी थी, जिसके बाद 24 जुलाई को अज्ञात आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया। पुलिस ने जांच के दौरान जूनियर स्टूडेंट के बयान लिए थे लेकिन तब स्टूडेंट डर के कारण रैगिंग की बात से मुकर गए। वहीं FIR होने के बाद सीनियर स्टूडेंट ने जूनियर पर दबाव बनाते हुए समझौता कर लिया। आरोपी स्टूडेंट साल 2020-21 के बताए जाते हैं।
इंदौर पुलिस ने जासूसी करके MGM कॉलेज में रैगिंग के सबूत जुटाए
पुलिस ने अपनी इन्वेस्टिगेशन बंद नहीं की। बिना वर्दी के पुलिस टीम कॉलेज कैंपस में आने जाने लगी और स्टूडेंट जैसे दिखाई देने वाले पुलिसकर्मी कैंटीन में समय बिताने लगे। कुछ स्टूडेंट्स के साथ युवा पुलिसकर्मियों ने दोस्ती कर ली और इसके बाद उन्हें कॉलेज एवं हॉस्टल में होने वाली रैगिंग की वह पूरी जानकारी मिल गई जो पुलिस केस में जरूरी थी।
सारे सबूत जुटाने के बाद पुलिस ने पीड़ित विद्यार्थियों को चिन्हित किया और फिर सीनियर स्टूडेंट शुभांकर मिश्रा, प्रियम त्रिपाठी, देववृत गुप्ता, राहुल पटेल, शैलेष शर्मा और चेतन वर्मा को नामजद करके गिरफ्तार किया। पुलिस ने अनुसार चार आरोपी ऋषिराज, उज्जवल पांडे, रौनक पाटीदार और प्रभातसिंह फरार है।
MGM कॉलेज में रैकिंग में जूनियर स्टूडेंट के साथ क्या किया जाता था
शिकायत में आरोप है कि सीनियर स्टूडेंट जूनियर को फ्लैट पर बुलाते हैं। रोज शेविंग करने के लिए कहा जाता है साथ ही आपत्तिजनक सामग्री पर छात्राओं के नाम लिखवाए जाते हैं। नजरें झुकाकर बात करने के लिए जूनियर को कहा जाता। तकिए के साथ वक्त गुजारने के लिए दबाव बनाया जाता।