जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सागर जिले के सुरखी पुलिस थाना क्षेत्र में भगवान सिंह लोधी एनकाउंटर मामले में न्यायिक जांच रिपोर्ट तलब की है। यह मामला 15 साल पुराना है। भगवान सिंह लोधी के सीने पर गोली मारी गई थी। पुलिस ने ऐसे एनकाउंटर बताया जबकि भगवान सिंह लोधी के पिता ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया था। न्यायमूर्ति सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी की एकलपीठ ने इसके लिए राज्य शासन व कलेक्टर को चार सप्ताह की मोहलत दी है।
भगवान सिंह लोधी के सीने में 3 गोलियां मारी गई थी
मामला 15 साल पुराना है। दिनांक 20 अक्टूबर 2006 को देवरी कोर्ट से जारी एक वारंट की तामील में सुरखी थाना पुलिस द्वारा भगवान सिंह लोधी को हिरासत में लिया गया था। इसके बाद उसकी मृत्यु हो गई। भगवान सिंह लोधी के सीने के लेफ्ट साइड में 3 गोलियां पाई गई। पुलिस ने इस घटना को एनकाउंटर बताया जबकि मृतक के पिता ने थान सिंह लोधी ने अक्टूबर 2006 को हाई कोर्ट में मुठभेड़ की वैधानिकता को चुनौती दी थी। तभी से यह मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
तत्कालीन एसपी शाहिद अवसार एवं 2 पुलिसकर्मियों पर हत्या का आरोप
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिकाकर्ता का पक्ष अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने रखा। उन्हाेंने दलील दी कि उक्त घटना को पुलिस एनकाउंटर का रूप देकर मामले को रफा दफा करने का प्रयास किया गया है। घटना में मृतक भगवान सिंह लोधी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक गोली सीने में सटाकर फायर करने का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। याचिका में स्वतंत्र एजेंसी से जांच कर तत्कालीन पुलिस कर्मी पूरन लाल नगाइच, रामगोपाल शुक्ला तथा तत्कालीन पुलिस कप्तान (पुलिस अधीक्षक) मो. शाहिद अवसार के विरूद्ध हत्या का प्रकरण दर्ज करने तथा मृतक के आश्रितों उचित क्षतिपूर्ति प्रदान करने की राहत चाही गई है।
पुलिस ने 15 साल में न्यायिक जांच की रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की
इस मामले में पुलिस ने केस में उठाए गए मुद्दों का कोई जबाब नही दिया, बल्कि जवाब में न्यायिक जांच का हवाला देते हुए मोहलत मांग ली गई थी। अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने कोर्ट को अवगत करया की उक्त प्रकरण 15 वर्षो से लंबित है। अनावेदकों द्वारा कोर्ट के समक्ष न्यायिक जांच की रिपोर्ट पेश नहीं की गई है।