जबलपुर। ऑनलाइन ट्रांसफर हो जाने के बावजूद हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य ने एक महिला शिक्षक को सिर्फ इसलिए रिलीव नहीं किया था क्योंकि एमपी एजुकेशन पोर्टल पर जानकारी अपडेट नहीं थी। हाईकोर्ट ने महिला शिक्षक को राहत देते हुए प्राचार्य को 7 दिन का समय दिया है।
MP NEWS- प्राचार्य ने पोर्टल के बहाने ट्रांसफर आर्डर मानने से इनकार कर दिया
श्रीमती राखी श्रीवास्तव का ट्रांसफर दिनाँक 21/10/22 को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, पाठा जिला छतरपुर से प्राथमिक शाला कुम्भगढ़ घटे वारा हुआ था। ट्रांसफर आदेश की शर्तानुसार कार्यमुक्त किया जाना था। कंडिका 8 के अनुसार, ट्रांसफर आदेश की वैधता 15 दिवस की है। इसके बाद, भी प्राचार्य कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लव कुश नगर ने, कार्यमुक्ति करने से इस आधार पर इनकार कर दिया कि इनकी जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध नही है।
शासन के आदेश को अधीनस्थ अधिकारी स्थगित नहीं कर सकते हैं
श्रीमति श्रीवास्तव द्वारा उच्च न्यायालय की शरण ली गई। उनकी ओर से उपस्थित वकील श्री अमित चतुर्वेदी ने कोर्ट को बताया कि कर्मचारी ट्रांसफर आदेश की वैधता के कारण भविष्य में कार्यमुक्त नही किया जाएगा। ट्रांसफर आदेश निरस्त माना जायेगा। पोर्टल में जानकारी अपडेट करना विभाग का काम है। कर्मचारी का विधिवत ऑनलाइन ट्रांसफर हुआ है। शासन के आदेश पर अधीनस्थ अधिकारी रोक नही लगा सकते।
उच्च न्यायालय जबलपुर ने सुनवाई के बाद, जिला शिक्षा अधिकारी को स्पष्ट आदेश दिए हैं कि माध्यमिक शिक्षक को 7 दिन के अंदर रिलीव किया जावे। (मध्य प्रदेश के 10 लाख कर्मचारियों के लिए प्रतिदिन उपयोगी समाचार प्रसारित करने वाले भोपाल समाचार को कृपया यहां क्लिक करके गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें, बहुत-बहुत धन्यवाद)