भोपाल। खबर मध्य प्रदेश की नंबर वन (NAAC 'A' Grade) विक्रम यूनिवर्सिटी से आ रही है। यहां गेस्ट फैकल्टी की पोस्ट पर एक अधिकारी की पड़ोसन की नियुक्ति के लिए भर्ती के नियम बदल दिए गए। कमिटमेंट इतना पक्का है कि शिकवे शिकायतों की भी परवाह नहीं की जा रही है। मामला राजभवन के संज्ञान में है परंतु समाचार लिखे जाने तक किसी भी प्रकार के एक्शन की सूचना नहीं थी।
शिकायतकर्ता एडवोकेट बबलू खींची का कहना है कि दिनांक 27 नवंबर 2022 को उन्होंने इस पूरे मामले की जानकारी राजभवन भेज दी थी। उन्होंने बताया कि बायोटेक्नोलॉजी के लिए विजिटिंग फैकेल्टी की नियुक्ति की जानी थी और कैंडिडेट सिलेक्शन के लिए एक्सपर्ट की कुर्सी पर लिमनोलॉजी के रिटायर्ड प्रोफेसर बैठे थे। कहीं ज्यादा लोग आवेदन ना कर दें इसलिए सिर्फ 1 दिन के लिए ऑनलाइन एप्लीकेशन की लिंक ओपन की गई थी।
इसके बाद भी बात नहीं बनी तो दो बार इंटरव्यू कैंसिल किए गए, ताकि कैंडीडेट्स निराश हो जाएं। जब इस फार्मूले से भी काम नहीं चलाते इंटरव्यू के नाम पर उम्मीदवारों को बुलाया और अचानक उन्हें क्लास में प्रेजेंटेशन देने के लिए कहा गया। इसी के आधार पर चयन कर लिया गया। यह बिल्कुल अलग किस्म का मामला है। इसमें परीक्षा का पैटर्न बदल दिया गया और उम्मीदवारों को पता ही नहीं था। सिर्फ एक कैंडिडेट को बताया गया था और वही सिलेक्ट हो गया।
एडवोकेट बबलू खींची का कहना है कि जिस महिला का चयन किया गया है वह एक अधिकारी के पड़ोस में रहती है। सारी प्रक्रिया उनकी नियुक्ति के लिए ही डिजाइन की गई थी। सुना है इस मामले में दूसरे प्रभावशाली की भी काफी रूचि है।