भोपाल। मध्य प्रदेश में इस प्रकार की दुर्गति किसी कर्मचारी संगठन की नहीं हुई। प्रदेश अध्यक्ष भरत पटेल के साथ सैकड़ों शिक्षक कर्मचारी नेता राजधानी भोपाल में तिरंगा यात्रा निकालने के लिए आए थे। डिपार्टमेंट ने सबको सस्पेंड कर दिया। इस कार्रवाई को 3 महीने से अधिक हो गया है। सरकार की नींव हिला देने का ऐलान करने वाले प्रदेश अध्यक्ष अब तक अपने निलंबित साथी नेताओं को बहाल नहीं करवा पाए हैं।
मामला सितंबर 2022 का है। आजाद अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष भरत पटेल ने विभिन्न मांगों के समर्थन में राजधानी भोपाल में प्रदर्शन करने का ऐलान किया था। पुलिस कमिश्नर की ओर से उन्हें प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं मिली फिर भी सैकड़ों अध्यापक शिक्षक भोपाल की सीमा तक आ गए। लोक शिक्षण संचालनालय ने जिला शिक्षा अधिकारियों से इसके बारे में जानकारी मांगी और पता चला कि 125 शिक्षक नेता बिना अवकाश एवं अनुमति के अपने कर्तव्य स्थल पर अनुपस्थित हैं। सभी को सस्पेंड कर दिया गया।
इस प्रकार के मामलों में अब से पहले तक दो प्रकार की स्थिति बनती थी। या तो कर्मचारी संगठन के नेता सरकार के साथ बातचीत कर लेते थे और सभी कर्मचारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई को निरस्त कर दिया जाता था या फिर सरकार के साथ सीधा टकराव शुरू हो जाता था। भरत पटेल वाले आजाद अध्यापक संघ के मामले में दोनों में से कुछ भी नहीं हुआ।
कुछ कर्मचारी नेता शासन की कर्मचारी कल्याण समिति के चेयरमैन रमेश चंद्र शर्मा से भी मिले थे। श्री शर्मा इस विषय को लेकर मुख्य सचिव से मिलने के लिए गए थे लेकिन अब तक कोई बात नहीं बनी है।