भोपाल। मध्य प्रदेश के जिन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभु राम चौधरी ने जेल भिजवाया था आज उन्हीं स्वास्थ्य कर्मचारियों से केंद्रीय मंत्री डॉक्टर मनसुख मांडविया ने मदद मांगी है।
केंद्रीय मंत्री की स्वास्थ्य कर्मियों के लिए अपील
केंद्रीय मंत्री ने आज पूर्व निर्धारित दिल से पूर्व जारी बयान में स्वास्थ्य कर्मियों से कोरोनावायरस BF.7 के खिलाफ लड़ाई में जुड़ने की अपील की। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मचारी सही जानकारी प्रदान करके इसका भय दूर करें और भ्रामक सूचनाओं के कारण बढ़ते महामारी के संकट से बचाव करें। उल्लेखनीय है कि दुनिया भर में BF.7 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। भारत के केरल राज्य में भी संक्रमण बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है।
मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य कर्मचारियों को कैबिनेट मंत्री ने जेल भिजवाया था
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी नियमितीकरण की मांग कर रहे थे। जेपी अस्पताल में जब स्वास्थ्य मंत्री पहुंचे तो कर्मचारियों ने अपने विभाग के मुखिया को घेर लिया और इस मामले में मुख्यमंत्री से डिसीजन कराने की मांग करने लगे। सब कुछ बिल्कुल वैसा ही था, जैसे परिवार के बड़े सदस्य से सभी लोग बहस करते हैं, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभु राम चौधरी को अपने कर्मचारियों का यह व्यवहार पसंद नहीं आया। वह इतने नाराज हुए कि उन्होंने पुलिस भेज दी।
पुलिस आई और प्रदर्शनकारियों को अपराधियों की तरह रस्सी से बांधकर ली गई। बात सिर्फ यहीं पर खत्म नहीं हुई। कार्यपालक मजिस्ट्रेट ने पहले गिरफ्तार किए गए कर्मचारियों की जमानत मंजूर कर दी और फिर बाद में पुलिस ने बताया कि उनकी जमानत नहीं लेंगे। गिरफ्तार किया जाए कर्मचारियों को जेल भेज दिया गया।