भोपाल। अभी कुछ दिनों पहले ही मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने शिवपुरी जिले के मामले में कड़े शब्दों में कहा था कि, आप कलेक्टर हैं, जिले के राजा नहीं। बिल्कुल वैसे ही नियुक्ति का मामला पन्ना जिले में भी आया है। यहां कलेक्टर ने एक सब इंजीनियर को जिला शिक्षा अधिकारी बना दिया है।
पन्ना कलेक्टर के आलोचकों का कहना है कि उपयंत्री अरविंद सिंह गौर, कलेक्टर के सबसे कृपा पात्र अधिकारियों में से एक हैं। जब जिला परियोजना समन्वयक का पद रिक्त हुआ। तब इंजीनियर अरविंद सिंह गौर को इंचार्ज DPC बना दिया गया था और अब जब जिला शिक्षा अधिकारी का पद रिक्त हुआ तो इंजीनियर अरविंद सिंह गौर को इंचार्ज DEO बना दिया गया।
स्कूल शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन में परंपरा है कि जिला शिक्षा अधिकारी और जिला परियोजना अधिकारी जैसे पदों का प्रभार यदि किसी को देना है तो डिपार्टमेंट के ही सीनियर कर्मचारी को देना चाहिए। दूसरे विभागों में भी यही परंपरा है। कुछ जिलों में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए, डिप्टी कलेक्टर को प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी बनाया गया परंतु सीमित समय के लिए।
शायद यह मध्य प्रदेश का पहला मामला है जब एक इंजीनियर, स्कूल शिक्षा की व्यवस्था के दोनों महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया गया है।