ग्वालियर में अटल जी मुस्कुराए, राजनीति की समझ रखने वालों के लिए यह वाक्य अपने आप में पर्याप्त है। भले ही अटल जी भारत के प्रधानमंत्री बने परंतु ग्वालियर के लोगों के दिल में एक दर्द हमेशा था। सन 1984 में ग्वालियर लोकसभा सीट से अटल जी चुनाव हार गए थे। आज सन 2022 में 25 दिसंबर उनके जन्म दिवस के अवसर पर ग्वालियर गौरव दिवस समारोह का शुभारंभ हुआ।
अब कह सकते हैं अटल जी का ग्वालियर
ग्वालियर के लोग जब बाहर किसी को अपनी पहचान बताते थे तो यह कहते हुए सहम जाते थे कि वही ग्वालियर जहां अटल जी ने जन्म लिया था। इसका मुख्य कारण था सन 1984 का चुनाव परिणाम। ग्वालियर लोकसभा सीट से अटल बिहारी वाजपेई चुनाव हार गए थे। यदि किसी से कहते तो वह प्रति प्रश्न करता था कि वही ग्वालियर जहां के लोगों ने अटल जी को चुनाव हरा दिया था। आज गौरव दिवस की शुरुआत होने के बाद ग्वालियर के लोग शान से कह सकते हैं, अटल जी का ग्वालियर।
शिवराज सिंह का योगदान याद रहेगा
ग्वालियर गौरव दिवस और ग्वालियर के गौरव के मामले में शिवराज सिंह चौहान का योगदान याद रहेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री के दायरे से बाहर निकलकर इसके लिए प्रयास किया। 25 दिसंबर 2022 को अटल जी के जन्मदिन के अवसर पर ग्वालियर गौरव दिवस का आयोजन मुख्यमंत्री के लिए भी काफी चुनौतीपूर्ण था। एक बड़ी पॉलीटिकल पावर ने अपने वीटो का इस्तेमाल किया था। आयोजन के 2 दिन पहले नगर निगम ने सभी तैयारियां पूरी हो जाने के बाद कार्यक्रम निरस्त कर दिया था। रात्रि भोजन के बाद मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस पर बुलाया और रात 11:00 बजे मुख्यमंत्री के कार्यालय से प्रेस को सूचना भेजी गई की कार्यक्रम अपने निर्धारित डेटशीट के अनुसार होगा।