इंदौर। सरकारी लॉ कॉलेज मामले में उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कॉलेज के प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान को सस्पेंड किए जाने के बाद विवादित किताब को खरीदने वाली पूर्व प्राचार्य डॉ सुधा सिलावट की घेराबंदी तेज हो गई है। ABVP के नेताओं ने भी उच्च शिक्षा मंत्री की कार्रवाई को अधूरा बताया है। उल्लेख करना अनिवार्य है कि डॉ सुधा सिलावट, ज्योतिरादित्य सिंधिया कैंप के सबसे शक्तिशाली कैबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट की भाभी है। भाई डॉक्टर सुरेश सिलावट भी राऊ सरकारी कॉलेज में प्राचार्य है।
विवादित प्रताप मध्य प्रदेश के किसी लॉ कॉलेज में नहीं है: HED मिनिस्टर
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बताया कि प्रदेशभर के लॉ कॉलेजों में दिखवाया गया कि विवादित कंटेंट वाली किताब तो उनके यहां नहीं है। उससे पढ़ाया तो नहीं जा रहा है। प्रकाशक ने बयान दिए हैं कि जितनी भी किताबें थी, वो सब हमने बुलवा भी ली है। उच्च शिक्षा मंत्री ने दावा किया है कि मध्य प्रदेश के किसी भी सरकारी लॉ कॉलेज की लाइब्रेरी में विवादित किताब की एक भी कॉपी नहीं है।
ABVP के नेता दूसरी विवादित किताब खोज लाए
वहीं लेखिका डॉ.फरहत खान की दूसरी विवादित कंटेंट वाली किताब भी सामने आ चुकी है। ‘महिलाएं एवं आपराधिक विधि’ शीर्षक से लेखिका ने किताब लिखी है। ये किताब भी लॉ कॉलेज की लाइब्रेरी में रखी हुई थी। अभाविप छात्र नेता लक्की आदिवाल ने जांच कमेटी सदस्यों को ये किताब भी सौंपी थी। कॉलेज में 2018-19 में ये किताब खरीदने का दावा छात्र नेताओं ने किया है।
SCST छात्रों को देने बुक बैंक योजना के तहत खरीदी थी: प्राचार्य लॉ कॉलेज
विवादास्पद किताब को लेकर इंदौर लॉ कॉलेज के निलंबित प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान ने कहा कि ‘किताब 2011-12 की है। 2014 में शासकीय लॉ कॉलेज ने किताब खरीदी थी। मेरे कार्यकाल में किताब किसी को इशू नहीं हुई है। न तो किसी प्रोफेसर ने और न ही किसी स्टूडेंट ने ये किताब इशू करवाई है। ये किताब बुक बैंक के तहत एससी-एसटी बच्चों को नि:शुल्क दी जाती है।
डॉ सुधा सिलावट के बहाने मंत्री तुलसी सिलावट टारगेट पर
शिवराज सिंह चौहान सरकार में कैबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट के विरोधी लामबंद हो गए हैं। डॉ सुधा सिलावट के बहाने वह तुलसीराम सिलावट पर हमला कर रहे हैं। डॉ सुधा सिलावट के खिलाफ विभागीय कार्रवाई को पॉलिटिकल ग्राउंड पर मंत्री तुलसी सिलावट की हार के रूप में प्रचारित किया जाएगा। यदि कार्रवाई नहीं हुई तब भी इस मुद्दे को तुलसी सिलावट के खिलाफ यूज किया जाएगा।