भोपाल। 1 दिन पहले खबर आई थी कि मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा की वैलिडिटी लाइफटाइम हो गई है। आज पता चल रहा है कि मध्यप्रदेश में शिक्षक भर्ती का पैटर्न ही बदल दिया गया है। यदि कोई व्यक्ति मध्य प्रदेश में सरकारी शिक्षक बनना चाहता है तो ग्रेजुएशन के बाद उसे DElEd अथवा B.Ed फिर MP TET पास करने के बाद ST (सिलेक्शन टेस्ट) भी पास करना पड़ेगा।
MPTET में मेरिट का महत्व खत्म, बस क्वालीफाई करना जरूरी है
मध्य प्रदेश में एमपी टेट यानी मध्य प्रदेश टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट अब ग्रेजुएशन और B.Ed की तरह एक आम परीक्षा हो गई है। इसमें मेरिट की कोई वैल्यू नहीं है। लाइफ में केवल एक बार क्वालीफाई करना जरूरी है। कुल मिलाकर सरकार ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में एक चरण बढ़ा दिया है। एक परीक्षा बढ़ा दी है और उम्मीदवारों के सामने एक डिफिकल्टी बढ़ गई है।
MPTST (madhya Pradesh teachers Selection test) में क्या होगा
कुछ भी स्पेशल नहीं होगा। जैसे मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित होती है वैसे ही यह भी होगी। इस परीक्षा के रिजल्ट के आधार पर मेरिट लिस्ट बनेगी। मेरिट लिस्ट के आधार पर वेटिंग लिस्ट बनेगी। वेटिंग लिस्ट के आधार पर नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे। सीधा सा सिद्धांत है की रेस में यदि एक और बाधा बढ़ा दी जाए तो दावेदारों की संख्या कुछ कम हो जाएगी।
MPTST का पोलिटिकल बेनिफिट क्या होगा
मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा का रिजल्ट बताता है कि सरकार जितने पदों पर भर्ती करना चाहती है उसकी तुलना में बहुत बड़ी संख्या में उम्मीदवारों ने मेरिट बना ली है। भोपाल समाचार डॉट कॉम को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार शिक्षकों की भर्ती नहीं करना चाहती लेकिन चुनावी साल होने के कारण दबाव बढ़ता जा रहा है। 2023 में इस झंझट से मुक्ति के लिए कुछ तो नया करना था। यह आईडिया काम आ गया। कृपया यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल अवश्य सब्सक्राइब करें क्योंकि वहां पर कुछ ऐसे अपडेट भी मिलते हैं जो वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं किए जाते।