जबलपुर। मध्य प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन इंदौर द्वारा आयोजित राज्य प्रशासनिक सेवा एवं राज्य वन सेवा भर्ती परीक्षा 2019 का मामला एक बार फिर हाईकोर्ट की चौखट पर पहुंच गया है। हाल ही में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने शेष उम्मीदवारों की परीक्षा कराने का आदेश दिया था। अब इस आदेश को चैलेंज किया गया है।
MPPSC 2019- हाई कोर्ट 2 आदेश जारी कर चुका है
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग मैनेजमेंट की गड़बड़ी के कारण राज्य प्रशासनिक सेवा एवं राज्य वन सेवा भर्ती परीक्षा 2019 जबरदस्त विवादों में घिर गई है। पहले हाईकोर्ट ने मुख्य परीक्षा को निरस्त घोषित करते हुए फिर से आयोजित कराने के आदेश दिए थे। कैंडीडेट्स ने आदेश पर पुनर्विचार करने का निवेदन किया तो हाईकोर्ट में नया आदेश दिया जिसमें परीक्षा से शेष रह गए उम्मीदवारों के लिए विशेष परीक्षा आयोजित कराने का आदेश दिया। अब फिर से कुछ कैंडिडेट हाईकोर्ट की चौखट पर पहुंच गए हैं। उनका कहना है कि सिंगल बेंच द्वारा दिया गया विशेष परीक्षा का आदेश उचित नहीं है।
MPPSC 2019 विवाद- अब लोक सेवा आयोग क्या करेगा
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग पिछले कुछ सालों से कुछ नहीं कर रहा है। वह शासन के साथ संवाद स्थापित नहीं कर पाता। सामान्य प्रशासन विभाग से जो भी लिखा आ जाए, उसका पालन कर दिया जाता है। परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र की जांच नहीं कर पाता। उम्मीदवारों की अभ्यावेदनों का निराकरण नहीं कर पाता। कैंडीडेट्स को कन्वेंस नहीं कर पाता। स्थिति यह बन गई है जैसे हाईकोर्ट में एक एमपीपीएससी स्पेशल बेंच बन जानी चाहिए ताकि सभी मामलों का समय पर समाधान हो सके।