MADHYA PRADESH PUBLIC SERVICE COMMISSION, INDORE के इंटरव्यू बोर्ड पर इस बार ऐसा आरोप लगा है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। इंटरव्यू बोर्ड में कुल 4 लोग हैं जिसमें चेयरमैन सहित तीन लोग SCST से आते हैं। सिर्फ एक ब्राह्मण है, फिर भी आरोप लगाया जा रहा है कि इंटरव्यू बोर्ड ने SCST कैंडिडेट्स के साथ अन्याय किया है।
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग पर क्या आरोप लगा है
आरोप लगाया गया है कि, एमपी पीएससी के इंटरव्यू बोर्ड ने स्त्री रोग विशेषज्ञ भर्ती परीक्षा में इंटरव्यू के दौरान अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के साथ पक्षपात किया। अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों 34 से 49 और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को 32 से 63 के बीच अंक दिए गए हैं, जबकि सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 75 से 89 के बीच अंक दिए गए हैं।
MPPSC इंटरव्यू बोर्ड में चेयरमैन और सदस्य कौन है
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के चेयरमैन प्रोफेसर राजेश लाल मेहरा का चयन उनकी योग्यता के आधार पर हुआ है परंतु यदि जाति की बात करेंगे तो वह अनुसूचित जाति वर्ग के हैं। उनके अलावा बोर्ड में तीन सदस्य हैं। चेयरमैन के बाद श्री चंद्रशेखर रैकवार अनुसूचित जाति, डॉ देवेंद्र सिंह मरकाम अनुसूचित जनजाति और चौथे एवं अंतिम डॉक्टर कृष्ण कांत शर्मा एक मात्र ब्राह्मण सामान्य वर्ग।
इस पक्षपात के कारण SCST का क्या नुकसान हुआ
अनुसूचित जाति और जनजाति के उम्मीदवारों का कोई नुकसान नहीं हुआ। इंटरव्यू में सिलेक्शन के लिए न्यूनतम 31 नंबर की जरूरत होती है। 133 पदों पर भर्ती होनी थी परंतु 38 खाली रह गए। क्योंकि योग्य उम्मीदवार ही नहीं मिले। इंटरव्यू में SCST के जितने भी उम्मीदवार आए थे सब सिलेक्ट हो गए। किसी का कोई नुकसान नहीं हुआ।
MPPSC स्त्री रोग विशेषज्ञ भर्ती में कोई गड़बड़ी नहीं हुई तो मुद्दा क्यों बन गया
यह मुद्दा राऊ विधानसभा के विधायक जीतू पटवारी ने उठाया है। 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले भी जीतू पटवारी बेरोजगारों और अतिथि विद्वानों की आवाज बन गए थे परंतु कांग्रेस की सरकार बनने के बाद जब जीतू पटवारी, उच्च शिक्षा मंत्री थे। तब वही अतिथि विद्वान उनके खिलाफ सरकार गिरने तक आंदोलन करते रहे। अब फिर चुनाव आ रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी ने महत्व भी दिया है। इसलिए उत्साह में शायद इंटरव्यू बोर्ड के चेयरमैन और सदस्यों के नाम भूल गए।
जीतू पटवारी ने सिर्फ SCST का मुद्दा उठाया, EWS की आवाज नहीं बने
विधायक जीतू पटवारी ने स्त्री रोग विशेषज्ञ परीक्षा में इंटरव्यू के जो आंकड़े प्रस्तुत किए हैं वह अधूरे हैं। यह बात सही है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को इंटरव्यू में कम नंबर मिले लेकिन सामान्य जाति निर्धन वर्ग (EWS) उम्मीदवारों को भी अच्छे नंबर नहीं मिले। EWS उम्मीदवारों को 41 के आसपास नंबर मिले हैं। यानी SCST के बराबर।
इस परीक्षा में स्थिति यह बनी कि योग्य उम्मीदवार कम थे पद ज्यादा थे। अनुसूचित जाति कैटेगरी में 15 और सामान्य जाति निर्धन वर्ग कैटेगरी में 14 पद खाली रह गई। इसके अलावा दिव्यांग श्रेणी के 9 पद भी खाली रह गए।