जबलपुर। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने लोक सेवा आयोग के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है जिसमें राज्यसेवा मुख्य परीक्षा 2019 को दोबारा आयोजित कराने की बात की गई थी। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि जो अभ्यर्थी परीक्षा में सफल हो चुके हैं उनकी दोबारा परीक्षा लेने की जरूरत नहीं है।
हाईकोर्ट में स्पष्ट किया गया कि केवल उन कैंडीडेट्स की परीक्षा ली जानी चाहिए जिन्हें आरक्षण के नए फार्मूले के तहत मुख्य परीक्षा का पात्र माना गया है। उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट द्वारा आरक्षण विवाद पर फैसला दिए जाने के बाद मध्य प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा राज्यसेवा मुख्य परीक्षा 2019 के रिजल्ट को शून्य घोषित कर दिया था और दोबारा परीक्षा की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई थी। जबकि मुख्य परीक्षा पास कर चुके 1918 कैंडीडेट्स इंटरव्यू का इंतजार कर रहे थे।
140 कैंडीडेट्स में हाईकोर्ट में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के फैसले के खिलाफ याचिका प्रस्तुत की। उम्मीदवारों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्री नमन नागरथ द्वारा हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं का पक्ष प्रस्तुत किया गया। उच्च न्यायालय को बताया गया कि परीक्षा पास कर चुके उम्मीदवारों को दोबारा परीक्षा में शामिल करना, उनके साथ अन्याय करने जैसा है। हाई कोर्ट ने सहमत होते हुए एमपीपीएससी क्वालिफाइड कैंडीडेट्स की दोबारा परीक्षा के प्रस्ताव को रद्द कर दिया।