PAUSH AMAVASYA - पौष अमावस्या तिथि का खास महत्व हिंदू धर्म में है। इस वर्ष पौष अमावस्या 23 दिसंबर को है। इस दिन पितरों की आत्मा शांति के लिए श्राद्ध और तर्पण आदि करने का विधान शास्त्रों में बताया गया है। इस साल पौष अमावस्या पर बेहद शुभ संयोग बन रहा है। जिससे यह दिन पितरों के साथ मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए बेहद खास रहेगा।
पौष अमावस्या 23 दिसंबर को है। और इस दिन शुक्रवार है और यह दिन माता लक्ष्मी के लिए समर्पित है। ऐसे में किए गए उपाय पितरों के साथ मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर दोहरा लाभ दिलाएगा । अमावस्या तिथि 22 दिसंबर की शाम 7:13 से शुरू होकर अगले दिन 23 दिसंबर को दोपहर में 3:46 तक रहेगी। ऐसे में पौष अमावस्या के दिन सुबह सवेरे जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए।
यदि ऐसा संभव ना हो तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। तथा तांबे के लोटे से भगवान सूर्य देव को जल अर्पित करें। इस दिन गरीब, दुखी और जरूरतमंद लोगों की मदद करने से पित्र देवता प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही पितरों को चावल की खीर का भोग लगाना चाहिएं ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है। गर्म ऊनी वस्त्र, तिल, तेल, जूते, आवला, फल, आटा, शक्कर ,चावल, शहद, घी, दर्पण आदि दान करें।
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