Rani Durgavati Vishwavidyalaya, Jabalpur MP एक ऐसी अनोखी यूनिवर्सिटी है जहां प्रोफेसरों और शिक्षकों के लिए कोई नियम निर्धारित नहीं है। उन्हें पूरी स्वतंत्रता दी गई है कि वह जब चाहे पढ़ाएं अथवा छुट्टी मनाएं। इस विश्वविद्यालय में शिक्षकों को इस बात के लिए भी पाबंद नहीं किया गया कि यदि वह छुट्टी पर है तो कॉलेज प्रिंसिपल या स्टूडेंट्स को बता दें।
मध्यप्रदेश की एक यूनिवर्सिटी जहां शिक्षकों को पूरी स्वतंत्रता
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में यह स्वतंत्रता केवल शिक्षकों और प्रोफेसरों को ही दी गई है। प्रशासनिक काम करने वाले कर्मचारियों के लिए हाजिरी रजिस्टर है। यदि वह समय पर नहीं आते तो अनुपस्थिति दर्ज कर दी जाती है। स्टूडेंट्स के लिए भी नियम निर्धारित है। फीस जमा करने से लेकर परीक्षा कक्षा में प्रवेश करने तक तारीख और समय निर्धारित किया गया है। देरी होने पर कभी लेट भी सकती है तो कभी परीक्षा कक्ष में प्रवेश नहीं मिलता।
प्रशासनिक अधिकारियों के आने जाने पर भी कोई रोक टोक नहीं है
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में प्रशासनिक अधिकारियों के आने जाने पर भी कोई रोक टोक नहीं है। कोई अधिकारी 1:00 बजे आता है और 4:00 बजे चला जाता है। ऐसा वह महीने भर तक कर सकता है। वह चाहे तो साल भर तक भी कर सकता है। यहां का सबसे बड़ा गांधीवादी है कि कोई किसी को टोकता नहीं है। जब तक कोई गंभीर विषय ना जाए तब तक नोटिस जारी नहीं होता।
आज जबकि भारत डिजिटल हो चुका है और हर कर्मचारी की निगरानी जीपीएस टेक्नोलॉजी से होने लगी है। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा.ब्रजेश सिंह का कहना है कि हम बायोमेट्रिक उपस्थिति पर विचार कर रहे हैं।