करणी सेना परिवार का भोपाल में आंदोलन खत्म, 21 में से 18 मांगे मानने का दावा - MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल
। दिनांक 8 जनवरी 2023 से शुरू हुआ करणी सेना परिवार का आंदोलन एवं जीवन सिंह शेरपुर का आमरण अनशन आज खत्म हो गया। कैबिनेट मंत्री अरविंद भदौरिया ने ज्ञापन लिया एवं अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी की कमेटी बनाकर उनकी मांगों को पूरा करने का वचन दिया। 

टीम जीवन सिंह शेरपुर की ओर से बताया गया कि उनकी कुल 21 में से 18 मांगे मान ली गई है। सरकार की तरफ से उन्हें लिखित दिया गया है। शेष तीन मांगों को पूरा करवाने के लिए गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा और सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया केंद्र सरकार से चर्चा करेंगे। मंत्री अरविंद भदोरिया ने जीवन सिंह शेरपुर को जूस पिलाकर आंदोलन के खात्मे का ऐलान किया।

कैबिनेट मंत्री अरविंद भदौरिया का बयान

कैबिनेट मंत्री एवं करणी सेना परिवार के आंदोलन के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रतिनिधि अरविंद भदौरिया ने कहा कि, आज भोपाल में करणी सेना परिवार के चल रहे आंदोलन में अनशन पर बैठे आंदोलन प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर एवं अन्य सदस्यों को जूस पिलाकर उनका अनशन आंदोलन समाप्त कराया। माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश से राज्य सरकार से संबंधित मांगो पर समग्र विचारो उपरांत सुझाव प्रस्तुत करने के लिए अपर मुख्य सचिव म.प्र. शासन विभाग सामान्य प्रशासन की अध्यक्षता में अधिकारियों की तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति दो माह की अवधि में राज्यसरकार को अपना प्रतिवेदन सौपेगी।

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समिति का गठन 

सामान्य प्रशासन विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा जन आंदोलन संघर्ष समिति द्वारा प्रस्तुत मांगों में से ऐसी मांगे जिन पर विचारण राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में है, के संबंध में समग्र विचारों प्रांत सुझाव प्रस्तुत करने हेतु निम्नानुसार अधिकारियों की समिति गठित की गई है। 
  • अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विभाग मध्यप्रदेश शासन अध्यक्ष।
  • प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन सदस्य।
  • प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण विभाग सदस्य। 

गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के घर टीम जीवन सिंह शेरपुर



टीम जीवन सिंह शेरपुर करणी सैनिक की 21 मांगे

1. जाति के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था को बंद करके आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू किया जाए। 
2. एससी एसटी एक्ट में बिना जांच के गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए। 

3. एससी एसटी एक्ट की तरह सामान्य पिछड़ा एक्ट बनाया जाए जो सामान्य एवं पिछड़ा वर्ग के नागरिकों पर एससी एसटी द्वारा किए जाने वाले अत्याचार से रक्षा करें। 
4. EWS आरक्षण में भूमि एवं मकान की बाध्यता को समाप्त कर 8 लाख रुपए वार्षिक आय निर्धारित की जाए। 
5. वर्तमान में प्रक्रियाधीन शिक्षक भर्ती वर्ष 2018 में प्रथम काउंसलिंग के पश्चात् शेष बचे हुए EWS वर्ग के समस्त पदों को द्वितीय काउंसलिंग या शिक्षा विभाग की वर्तमान नियोजन प्रक्रिया में समस्त पदों के साथ EWS वर्ग के पात्र अभ्यर्थियों से भरा जावे। EWS के रिक्त पदों को इसी वर्ग से भरा जावे। 
6. प्राथमिक शिक्षक भर्ती वर्ग 3 के पदों में 51000 पदों पर न्यायसंगत रोस्टर के साथ भर्ती की जावे व माध्यमिक शिक्षक वर्ग 2 के वंचित विषयों जसे मातृभाषा हिन्दी, सा. विज्ञान, विज्ञान के विषय में पदों में वृद्धि की जावे। 
7. भर्ती कानून बनाए जाए (प्रत्येक वर्ष नियमित भर्ती निकाल जाए) व्यापम के 1 लाख पदों एसआई, पटवारी, अन्य विभागों में शीघ्र भर्ती की जाए एवं भर्ती नहीं होने पर बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जाए।

8. एमपीपीएससी की 2019, 20, 21 की भर्तियाँ संवैधानिक रूप से पूर्ण करो व ओबीसी आरक्षण मुद्दा हल करो।
9. केन्द्र और राज्य की आने वाले सभी भर्तियों में सभी वर्गों को 3 वर्ष की अतिरिक्त छूट दी जावे। राज्य सरकार द्वारा दी गई 3 वर्ष की छूट की समयावधि 1 वर्ष से बढ़ाकर 2 वर्ष की जावे। 
10. अतिथि शिक्षकों, रोजगार सहायकों व कोरोना काल में सेवा देने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को नियमित नियुक्ति प्रदान की जाये। 
11. किसानों के हित में स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों का लागू किया जावे ताकि किसानों को उपज का सही मूल्य मिल सके व रासायनिक खादों की बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाया जावे। रोजड़ा (घोड़ा रोज) से प्रदेश के कई क्षेत्रों के किसान परेशान है इसमें निजात दिलाने के लिये उचित कार्य योजना बनायी जावे। 
12. खाद्यान्न (रोजमर्रा की चीजें ) को GST से मुक्त किया जावे तथा बढ़ती महंगाई पर लगाम लगायी जावे। 
13 क्षत्रिय महापुरुषों के इतिहास में छेड़छाड़ को तुरन्त रोका जावे, इतिहास संरक्षण समिति बने ताकि समाज में आपसी सामंजस्य बना रहे। 
14. सवर्ण आयोग की कार्यप्रणाली में सुधारकर उसे क्रियाशील बनाया जावे। 
15. राज्य कर्मचारी आयोग की सिफारिश जिसमें कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष करने को कहा गया है, किसी भी परिस्थिति में अब कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु नहीं बढाई जावे।
16. गौमाता को राष्ट्र माता का दर्जा दिया जावे व सरकार गौशालाओं के स्तर में सुधार करें एवं गोवर व गौमूत्र को सरकारी स्तर पर खरीदने की व्यवस्था करें ताकि गौ पालन से रोजगार के अवसर भी बढ़े। 
17. पद्मावत फिल्म के विरोध में दर्ज प्रकरण वापस लिये जावे। 
18. म.प्र. की भर्तियों में यहाँ के युवाओं को प्राथमिकता दी जावे अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों का कोटा सीमित हो । 
19. कर्मचारियों को दी जा रही पदोन्नति के साथ उन्हें उसके साथ अधिकार व सुविधा भी दी जावे। कर्मचारियों की पेंशन पुनः चालू की जावे।
20. पुलिस विभाग में आरक्षकों की वेतन विसंगति को दूर कर 2400 ग्रेड पे लागू की जावे । 
21. सरकारी स्कूलों की कार्यप्रणाली में सुधार कर शिक्षा का स्तर प्रायवेट स्कूलों की भाँति किया जाय ताकि छात्र प्रायवेट स्कूलों की तरफ ना भागे व प्रायवेट स्कूलों की फीस पर नियंत्रण रखने हेतु एक कमेटी बनाई जावे। 

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