मध्यप्रदेश में माता जीजाबाई शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय (ओल्ड जीडीसी), इंदौर के वनस्पति विभाग द्वारा उद्यमिता एवं मानव कल्याण के लिए पौधों में संभावनाओं की खोज" पर वर्ल्ड बैंक द्वारा प्रायोजित सात दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
स्टार्टअप के लिए आयुर्वेद सबसे बेस्ट प्रॉफिटेबल कैटेगरी
कार्यशाला के दूसरे दिन आयुर्वेदविद डॉ. अजीत ओझा, विभागाध्यक्ष, पंचकर्म विभाग, शासकीय अष्टांग आयुर्वेदिक महाविद्यालय, इंदौर ने बताया कि आयुर्वेदिक प्रणाली रोगों के समय दृष्टिकोण पर आधारित है। इसका उद्देश्य बीमारियों के उपचार के साथ-साथ उनसे बचाव करना भी हैं। आयुर्वेद के सिद्धांतों के आधार पर निरंतर अयुर्वेदाचार्यो द्वारा औषधियों की श्रृंखला में वृद्धि की जा रही है। वर्तमान में आयुर्वेद उद्यमिता के लिय एक अत्यधिक आकर्षक क्षेत्र है।
आयुर्वेद का मार्केट साइज 20 अरब डॉलर, पढ़िए कितना ग्रोथ करेगा
आयुर्वेदिक औषधियां, फॉर्मूलेशन, कच्चा माल, विनिर्माण, मानकीकरण, गुणवत्ता नियंत्रण, स्टोर प्रबंधन आपूर्ति श्रृंखला और वितरण में असीम संभावनाएं है। इसका वैश्विक बाजार लगभग 20 अरब डॉलर का है और यह तेजी से बढ़ रहा है और 2050 तक वैश्विक स्तर पर 500 अरब डॉलर को पार कर जाएगा।
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने आयुर्वेद औषधीय और चिकित्सीय उद्योग को बढ़ाने के लिए आयुर्वेद क्षेत्र में उद्यमिता को एक मजबूत प्रोत्साहन प्रदान करने का निर्णय लिया है। कार्यशाला का संचालन डॉ पुष्पा जैन ने तथा अतिथि का स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ. अलका बाजपेई ने किया।