भोपाल। पिछले कुछ दिनों में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक मंत्री काफी सुर्खियों में रहे हैं।राज्यवर्द्धन सिंह दत्तीगांव, गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर और महेंद्र सिंह सिसोदिया के नाम दिल्ली स्थित केंद्रीय कमान तक पहुंचे। शायद इसी के चलते भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक मंत्रियों की एक्स्ट्रा क्लास लगाई गई।
बैठक से बाहर निकले सारे मंत्री चुप थे
फाइनल एग्जाम यानी विधानसभा चुनाव 2023 से पहले भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश ने भाजपा प्रवक्ता के कक्ष में सिंधिया समर्थक मंत्रियों को बुलाया और लगभग आधे घंटे तक क्लास चलती रही। अंदर क्या हुआ होगा इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत, तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी, राज्यवर्द्धन सिंह दत्तीगांव जब बैठक से बाहर निकले तो बिल्कुल चुप थे। पत्रकारों की किसी सवाल का कोई जवाब नहीं दिया।
बिजली आई- बिजली गई
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर भी गुमसुम से बाहर निकले। उनसे भी जब पूछा गया कि अंदर क्या बातचीत हुई तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। फिर उनसे बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के बारे में आधिकारिक बयान मांगा गया। हर मौके पर हेडलाइंस में अपना नाम छुपाने का मौका ढूंढ लेने वाले ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर सिर्फ इतना बोले, बिजली आई- बिजली गई' और आगे बढ़ गए।
सिंधिया नहीं शिवराज को नेता बताओ
सूत्रों की मानें तो भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने सिंधिया समर्थक मंत्रियों को पार्टी के कार्यक्रमों के हिसाब से तय प्रवास और कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए कहा है। स्थानीय स्तर पर बढ़ रहे गतिरोध को भी कंट्रोल करने, साथ ही कार्यकर्ताओं से तालमेल बनाने के लिए कहा है। शिवप्रकाश ने अनावश्यक बयानबाजी से बचने की भी सलाह भी दी है। उपचुनाव में जो बूथ हारे थे, उन बूथों पर फोकस करने को भी कहा गया है। साथ ही, मंत्रियों को अपने विभागों में होने वाले नवाचारों को भी पब्लिक के सामने प्रचारित करने की सलाह दी है।
✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल पर कुछ स्पेशल भी होता है।