भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कुल 320 अवैध कॉलोनी में से 209 कॉलोनी को वैध घोषित कर दिया गया है। इन सभी कॉलोनियों में या तो घर बनाकर लोग रह रहे हैं या फिर प्लॉट बिक चुके हैं और भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो रही है। सरकार के कुछ विभाग इन कालोनियों में सेवाएं दे रहे हैं जबकि कुछ विभागों की सूची में यह कालोनियां अवैध दर्ज थी।
नगर निगम भोपाल की ओर से बताया गया है कि, इनमें से 50 प्रतिशत से अधिक कालोनियों में बिल्डिंग परमिशन जारी कर दी गई है। बता दें कि प्रदेश में वर्ष 2020 में पुन: प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अवैध कालोनियों को वैध करने की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू करने के निर्देश दिए थे। साथ ही अवैध कालोनाइजर पर अंकुश लगाने के लिए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए भी हिदायत दी थी।
शहर में 350 से अधिक अवैध कालोनियां
शहर में 31 दिसंबर 2012 के बाद भी अवैध कालोनी काटन का सिलसिला जारी है। बताया जा रहा है कि राजधानी में इनकी संख्या लगभग 350 के पार पहुंच चुकी है जबकि 2012 में इनकी संख्या 198 थी। एक अनुमान के मुताबिक दिसंबर 2012 से दिसंब 2016 के बीच प्रदेश में अवैध कालोनियों की संख्या में 50 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई। शहर के समरधा कलियासोत, भैंरोपुर, गेहूंखेड़ा, हिनोतिया आलम, सुहागपुर, इमलिया जरगर, देहरीकलां, पिपलिया केशो, सेमरी कलां, चीचली, बैरागढ़ चीचली नयापुरा, दौलतपुर, बोरदा, मिसरोद, रतनपुर सड़क, बिलखिरिया खुर्द, लांबोखड़ा, बड़वई, बैरागढ़ कलां, पलासी, भैंसाखेड़ी, बरखेड़ा पठानी, सेवनियां गौड़, गौरा, खजूरी खुर्द, बरखेड़ी कलां, अकबरपुर, सेमरीकलां और खजूरी कलां आदि में तेजी से अवैध कालोनियों विकसित हुई हैं।
केवीएस चौधरी, नगर निगम आयुक्त, भोपाल का कहना है कि, सरकार के निर्देशानुसार पूर्व में विकसित हुई कुछ अवैध कालोनियों को वैध करने की प्रक्रिया की जा रही है। इनकी संख्या लगभग 320 है, अब तक 209 को वैध किया जा चुका है। अन्य की प्रक्रिया चल रही है।