भोपाल। विशेषज्ञ कहते हैं कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ऐसी होनी चाहिए जिससे किसी भी इलाके में किसी एक समुदाय विशेष का आधिपत्य स्थापित ना हो पाए परंतु मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अमझरा डेरा एक ऐसा नया केंद्र है जहां तनाव बढ़ता जा रहा है क्योंकि इस इलाके में एक समुदाय विशेष के 100 से ज्यादा घर बन गए हैं। भाजपा के रामेश्वर शर्मा जैसे विधायक इस स्थिति को लेकर परेशान हैं।
BHOPAL TODAY- सूर्यास्त के बाद आसपास के लोग अमझरा डेरा नहीं जाते
लोगों का कहना है कि अमझरा एवं आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग काफी चिंतित हैं। सूर्यास्त के बाद अमझरा डेरा के इलाके से आना जाना पसंद नहीं करते। कहते हैं कुछ घटनाएं हुई हैं जहां आने जाने वालों को लूट लिया गया। सिर्फ इसी रास्ते में नहीं बल्कि भोपाल के कई इलाकों में आपराधिक वारदातों में अमझरा डेरा के लोगों का हाथ होता है। आए दिन पुलिस पार्टियां लोगों से पूछताछ करती हैं। इसके कारण आम नागरिकों को भी परेशानी उठानी पड़ती है।
विधायक भी परेशान, नहीं है कोई समाधान
इस विषय में नवदुनिया में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। स्थानीय विधायक श्री रामेश्वर शर्मा का बयान भी छपा है। लिखा है कि, इस भूमि पर अतिक्रमण चिंता का विषय है। राजस्व और वन विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से लगातार अतिक्रमण बढ़ रहा है। वन विभाग यहां के मूल निवासी आदिवासियों को तो परेशान करता है, लेकिन बेलदारों को लगातार संरक्षण दे रहा है। इन लोगों को यहां से हटवाने के लिए प्रयास तेज किए जाएंगे। श्री शर्मा भाजपा के धाकड़ नेता कहलाते हैं परंतु अमझरा डेरा के मामले में असहाय से नजर आते हैं।