भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मध्य प्रदेश के सभी 52 जिलों के खास लोग आते जाते रहते हैं। यातायात के नियमों को सबसे ज्यादा तोड़ते हैं लेकिन पुलिस इन खास मेहमानों के प्रति काफी नरम रवैया अपनाती है। ड्रिंक एंड ड्राइव जैसे गंभीर अपराध में ना तो गाड़ी जप्त की जाती है और ना ही लाइसेंस, सिर्फ जुर्माना लगाया जाता है। रिकॉर्ड इस बात को साबित कर रहे हैं।
मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 185, प्रावधान
अप्रैल 2022 से लेकर अब तक भोपाल पुलिस ने 5000 लोगों के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 185 के तहत कार्यवाही की और 5 करोड रुपए चालान वसूला। इस धारा में प्रावधान है कि वाहन जप्त कर लिया जाए, नशे में धुत व्यक्ति को किसी दूसरे वाहन से उसके घर, किसी सुरक्षित स्थान अथवा पुलिस हवालात में भेजा जाए और उसका ड्राइविंग लाइसेंस कर दिया जाए। सजा या जुर्माने का निर्धारण न्यायालय करेगा।
BHOPAL TODAY- नशे में टल्ली लोगों का भी सिर्फ चालन बनाया
भोपाल की प्रतिष्ठित पत्रकार श्री विशाल त्रिपाठी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 5000 में से 2000 लोग ऐसे थे जिनकी सांसो में अल्कोहल की मात्रा 250mg से ज्यादा थी। इसका तात्पर्य होता है कि, व्यक्ति नशे में इतना अधिक धुत है कि उसकी सोचने समझने की क्षमता खत्म हो गई है। इसके बावजूद ना तो इन लोगों को हॉस्पिटल भेजा गया, ना इनकी गाड़ी जप्त की गई और ना ही इनका लाइसेंस सस्पेंड किया गया। सिर्फ चालन बनाया गया।
BHOPAL SAMACHAR- 2000 में से सिर्फ 200 ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड किए
आरटीओ का रिकॉर्ड बताता है कि ट्रैफिक पुलिस की सिफारिश पर 200 लाइसेंस सस्पेंड किए गए और 200 सस्पेंड करना बाकी है। चेकिंग करने वाली थानों की पुलिस की ओर से कोई सिफारिश नहीं आई। कुल मिलाकर भोपाल पुलिस नशे में टल्ली वाहन चालक के खिलाफ चालानी कार्रवाई करके उसे खुला छोड़ देती है।
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