भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी में पुलिस ने बिजली कंपनी के रिटायर्ड क्लर्क की हत्या का खुलासा कर दिया है।
रिटायर्ड क्लर्क की हत्या उनकी नौकरानी ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ मिलकर की थी। नौकरानी ने उनसे 10 हजार रुपए मांगे थे, नहीं देने पर सिर पर फ्लावर पॉट मार कांच से गला रेत दिया। हत्या को लूट दिखाने के लिए घर का सामान भी बिखेर दिया।
एडिशनल DCP राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि 10 जनवरी को पिपलानी इलाके में रिटायर्ड क्लर्क दिलीप मोहड़कर (65) का शव घर पर मिला था। इस मामले में अयोध्यानगर की LIG कॉलोनी में रहने वाली पूजा नायर (40) पति मनोज नायर और उसकी 16 साल की बेटी को गिरफ्तार किया है। पूजा का पति ऑटो ड्राइवर है। वहीं, बेटी 9वीं में पढ़ती है। अपराध में मां का साथ देने के लिए उसे भी आरोपी बनाया गया है।
नौकरानी पूजा नायर ने पुलिस को बताया-
19 दिसंबर को दिलीप के बेटे की शादी थी। मैं उनके घर खाना बनाने आई थी। इस दौरान पहली बार हम दोनों की मुलाकात हुई। रिटायर्ड क्लर्क दिलीप का बेटा और बहू बेंगलुरु में रहते हैं। वह 11 जनवरी को उनसे मिलने के लिए फ्लाइट से बेंगलुरु जाने वाले थे। मुझे इसकी जानकारी लग गई थी। 10 जनवरी की शाम करीब 7:15 बजे मैं अपनी 16 साल की बेटी के साथ उनके घर पहुंची। बेटी को नीचे वाले फ्लोर में बैठाकर खाना बनाने की बात कहकर ऊपर चली गई। हमने बैठकर चाय भी पी। कमरे में जाकर दिलीप से मैंने 10 हजार रुपए मांगे। उन्होंने दो हजार रुपए दिए, लेकिन मैंने मना कर दिया।
चीख सुनाई न दे इसलिए TV की वॉल्यूम फुल कर दी
मुझे पूरे रुपए चाहिए थे। उन्होंने बेंगलुरु से लौटकर पैसा देने की बात कही, लेकिन मैं नहीं मानी। इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया। मुझे गुस्सा आ गया। मैंने दिलीप के सिर पर पास में रखा फ्लावर पॉट मार दिया। वह बेहोश हो गया। चीख सुनकर बेटी भी आ गई। खून फैला देख हम दोनों घबरा गए। लगा कि अगर ये बच गया, तो हम फंस जाएंगे। इसलिए बेटी को पूरी बात बताई। हमने दिलीप की हत्या करने की सोची। चीख सुनाई नहीं दे, इसलिए टीवी भी फुल वॉल्यूम में चला दी। इसके बाद उसके सिर पर फ्लावर पॉट से कई वार किए। इसके बाद उसका कांच से गला रेत दिया। फिर हमने पुलिस को गुमराह करने और खुद को बचाने के लिए इसे लूट और मर्डर में बदलने की साजिश रची। मैंने और बेटी ने बनियान से दिलीप के पैर बांध दिए। आंखों में मिर्च पाउडर झोंक दिया। घर और अलमारी में रखा सामान बिखेर दिया। इसके बाद 10 हजार रुपए लेकर रायसेन स्थित अपने मायके चली गई।
पूछताछ में पूजा ने पुलिस को बताया कि दिलीप के बेटे की शादी के बाद से वह काम करने के लिए उनके घर आने-जाने लगी थी। दिलीप उसे हजार-दो हजार रुपए दे देता था। उनके बीच अच्छी दोस्ती हो गई। दोनों ही एक-दूसरे को कॉल कर बात भी करते थे। क्लर्क का कॉल न आए, तो वह खुद ही संपर्क कर लेती थी। दोनों की बातचीत वॉट्सऐप कॉल पर भी होती थी। 22 दिन में हम दोनों 9 बार एक-दूसरे से मिल चुके हैं।
लूट या हत्या की इस मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने में पुलिस लगी हुई थी। इस दौरान पुलिस की टीम ने 37 लोगों से पूछताछ की। इसमें पता चला कि घटना वाले दिन एक महिला अपनी बेटी के साथ उनके घर आई थी। इसके बाद पुलिस ने कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) और फोन की लोकेशन को ट्रैस करके मां-बेटी को हिरासत में लिया। सख्ती से पूछताछ करने पर दोनों ने वारदात कबूल कर ली।