भोपाल। आर्थिक आधार पर आरक्षण और एट्रोसिटी एक्ट में बिना जांच गिरफ्तारी सहित 21 मांगों को लेकर भोपाल के जंबूरी मैदान में दिनांक 8 जनवरी 2023 को करणी सेना का एक दिवसीय प्रदर्शन निर्धारित था परंतु शाम को प्रदर्शनकारियों के नेता जीवन सिंह शेरपुर में भूख हड़ताल की घोषणा कर दी। लोगों से वापस लौटने के लिए कहा गया। रात 2:00 बजे मैदान खाली हो गया था परंतु सुबह फिर से करणी सैनिकों की भीड़ आ गई।
भोपाल के जंबूरी मैदान में करणी सेना के आंदोलन का दूसरा दिन
भोपाल के जंबूरी मैदान पर करणी सेना परिवार का महा आंदोलन आज दूसरे दिन भी जारी है। आयोजकों का दावा है कि आंदोलन के पहले दिन रविवार दोपहर ढाई लाख लोग जुटे। रात में मंच पर 50 लोग ही सोए। मंच के सामने बैठकर आंदोलनकारियों को समर्थन कर रहीं 20 से ज्यादा महिलाओं ने भी रात 2 बजे जंबूरी मैदान छोड़ दिया। महिलाएं प्राइवेट गाड़ियों से अस्थाई रूप से मैदान छोड़कर चली गईं। मैदान में डेढ़ सौ से ज्यादा कार, मैजिक, ट्रक और दूसरे वाहन खड़े हैं। आज सुबह भीड़ फिर बढ़ना शुरू हो गई है।
दिल्ली के किसान आंदोलन जैसा होगा मध्य प्रदेश का करणी आंदोलन
करणी सेना परिवार के प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर समेत 5 कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि मांगें पूरी होने तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। कुछ कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह आंदोलन दिल्ली के किसान आंदोलन की तरह होगा। बताया गया है कि, आंदोलनकरारी अगले 5 से 10 दिन की जरूरत का राशन पानी लेकर भोपाल आए हैं।
8 दिन का राशन साथ लेकर आए हैं
आंदोलनकारियों ने कहा कि हम यहां से खाली हाथ जाने वाले नहीं है। भट्टी पर पूड़ी बना रहे, हेमंत राजपूत अपने 15 साथियों के साथ हरदा के खिरकिया से आए हैं। वह बताते हैं कि 8 दिन का राशन साथ लेकर आए हैं। आंदोलन लंबा चलेगा। केवल हरदा से 500 से 700 लोग अलग - अलग गाड़ियां लेकर आएं हैं। हम मैदान से तभी वापस लौटेंगे, जब सरकार हमारी मांगे पूरी किए जाने की आदेश जारी कर देगी।
आंदोलन में मंदसौर से कुंदन सिंह सोलंकी ट्रक से आए हैं। वह अपने ट्रक में 40 आंदोलनकारियों को साथ लाए हैं। उन्होंने बताया कि ट्रक में रजाई, गद्दों के अलावा खाने के लिए 15 दिन की जरूरत का राशन भी लाए हैं।
मंदसौर के कटलार गांव से आए राजेंद्र सिंह 40 साथियों के साथ आंदोलन में शामिल होने भोपाल आए हैं। साथ में 3 दिन का राशन लेकर आया हूं। संगठन की दूसरी टीम अगले 8 दिन के राशन की व्यवस्था कर रही है।
हमने आंदोलन को लंबा चलाने के लिए ग्रुप को अलग-अलग टीम में बांटा हुआ है। हमारी टीम, आंदोलन में शामिल हो रही है। दूसरी टीम राशन की व्यवस्था कर रही है।
वह कहते हैं कि अभी यह आंदोलन की शुरूआत है। अगर मांगे नहीं मानी गई, तो किसान और स्टूडेंट भी इस आंदोलन में जुडेंगे। यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स से हम लोग लगातार बात कर रहे हैं। हम जंबूरी मैदान खाली नहीं करने वाले। जब तक मांग पूरी नहीं होगी। हम शांति से मैदान में बैठेंगे। सरकार, मैदान खाली कराने के लिए अगर मारना चाहती है, तो मारे।