सादर नमस्कार, जैसा कि विदित हो मध्य प्रदेश के कई विधायक, सांसद और अन्य जनप्रतिनिधि एवं जनता, कर्मचारी कई ज्ञापनों के माध्यम से अतिथि शिक्षक, संविदा कर्मियों के नियमितिकरण के पक्ष मे समर्थन पत्रों एवं विधानसभा प्रश्नों के माध्यम से संविदाकर्मियों, अतिथिशिक्षकों, विद्वानों का मुद्दा मुख्यमंत्री जी के सामने रख चुके है। खुद मुख्यमंत्री जी विभिन्न वक्तव्यों से इनके मुद्दे हल करने की बात कर चुके है परंतु अभी तक ठोस कदम न उठाना इस सरकार की विफलता एवं झूठे प्रजातंत्र का घोतक है।
अतिथि शिक्षक संगठन के पदाधिकारी प्रमुखता से रखें अपनी मांग
अतिथि शिक्षक पिछले 15 वर्षों से म.प्र मे सबसे अधिक शोषित है जबकि अन्य राज्य हरियाणा, दिल्ली, छ.ग मे उनकी दशा मे सुधार हुआ है। अतिथि शिक्षकों की विभागीय परीक्षा की मांग करणी सेना ने रखी है जो कि एक वाजिब मांग है परंतु अतिथि शिक्षक नेताओं को चाहिए कि इस आंदोलन के माध्यम से जो अतिथि शिक्षक पीईबी द्वारा आयोजित पात्रता परीक्षा पास है व प्रशिक्षित है उनके नियमितिकरण का मांग पत्र प्रमुखता से रखा जाये। विभागीय परीक्षा में समय लग सकता है परंतु जो अतिथि शिक्षक TET पास व डीएड, बीएड प्रशिक्षित है, उनको शीघ्र स्थाई शिक्षक पदों पर समायोजित किया जाये इसमें कोई प्रशासनिक नियम भी बाधा नहीं बनेगा।
अतिथि शिक्षकों को सामान्य वर्ग कोटे मे नहीं मिला 25% आरक्षण-
जैसा कि सोशल मीडिया से ज्ञात हो रहा है मध्य प्रदेश शासन ने अतिथि शिक्षकों को प्राथमिक शिक्षक पदों पर 25% आरक्षण दिया है परंतु अतिथि शिक्षकों को चयन सिर्फ 178 पदों पर किया गया है व 1116 पद गैर अतिथि शिक्षकों से भरे गए है जो कि किसी भी स्तिथि मे 25% नहीं है। क्योंकि इनको अगर जोड़ा जाये तो सामान्य वर्ग के 394 पद अतिथि शिक्षक कोटे मे जाना थे क्योंकि कुल पदों की संख्या 1294 है। सामान्य वर्ग मे तो इसका 25% निकालने पर अतिथि शिक्षकों को 324 सामान्य वर्ग के पदों पर नियुक्ति मिलना चाहिये थी जो नहीं दी गई है। ✒ सादर धन्यवाद, आशीष कुमार बिरथरिया
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