असिस्टेंट प्रोफेसर एवं एसोसिएट प्रोफेसर में अंतर
जब हम स्कूल में पढ़ते हैं तो हम टीचर और लेक्चरर जैसे शब्दों से अच्छी तरह फैमिलियर हो जाते हैं परंतु जैसे ही हम कॉलेज में पहुंचते हैं तो प्रोफ़ेसर शब्द सुनने को मिलता है। प्रोफेसर तक तो ठीक है परंतु असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफ़ेसर हमें थोड़ा सा कंफ्यूज कर देते हैं (पढ़ाने में नहीं बल्कि अपने पद के नाम में) तो चलिए आज 1 मिनट से भी कम समय में एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के बीच के अंतर को जानने की कोशिश करते हैं।
असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर में अंतर, सरल हिंदी में
साधारण भाषा में आप समझ सकते हैं कि प्रोफेसर सबसे बड़ा भाई है (इसकी सैलरी सबसे ज्यादा होती है) जबकि एसोसिएट प्रोफेसर उसका छोटा भाई (यानी मंझला भाई है) जिसकी सैलरी प्रोफ़ेसर से कम होती है और असिस्टेंट प्रोफेसर सबसे छोटा भाई है, जिसकी सैलरी सबसे कम है। वैसे तो अब आप समझ ही गए होंगे परंतु चलिए फिर भी इसे स्टैंडर्ड लैंग्वेज में समझने की कोशिश करते हैं।
असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर की शैक्षणिक योग्यता में अंतर
Associate Professor (सह-प्राध्यापक या सह-आचार्य) एसोसिएट प्रोफ़ेसर की सीधी भर्ती के लिए PhD डिग्री आवश्यक होती है। Assistant Professor (सहायक प्राध्यापक या सहेयक प्राध्यापक) कोई भी अभ्यर्थी जिसमें स्नातकोत्तर किया हो, एक सहायक प्रोफेसर के रूप में पढ़ा सकता है लेकिन कार्यकाल केवल तभी उपलब्ध होगा जब उसने पात्रता परीक्षा (NET) पास कर ली हो।
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