EXIT DOOR तो आप जानते ही होंगे। यात्री बस से लेकर ट्रेन तक इमरजेंसी गेट होता है। किसी भी इवेंट हॉल में ENTRY DOOR के साथ EXIT DOOR अनिवार्य रूप से होता है। अब तो स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, शॉपिंग मॉल, ऑफिस और कोचिंग इंस्टिट्यूट में भी EXIT DOOR या इमरजेंसी द्वार अनिवार्य कर दिया गया है। आइए आज अपन पढ़ते हैं दुनिया की वह पहली घटना जिसके बाद सारी दुनिया में EXIT DOOR का नियम बनाया गया।
दिनांक 16 जून 1883, इंग्लैंड के Sunderland शहर में विक्टोरिया हॉल में बच्चों के लिए एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस इवेंट में कुल 1100 बच्चे शामिल हुए थे। सभी की उम्र 3 से 14 वर्ष के बीच थी। इवेंट के लास्ट में एक अनाउंसमेंट किया गया। बच्चों को गिफ्ट दिए जाएंगे। इसके लिए उन्हें सीढ़ियों से होते हुए दूसरी तरफ जाना था। सीढ़ी के नीचे एक दरवाजा था जो अंदर की तरफ खुलता था। इसे केवल इतना खोला गया था कि एक बार में एक बच्चा बाहर निकल सकता था।
जल्दी से अपना गिफ्ट पाने के लिए बच्चे लंबी लाइन में लगने को तैयार नहीं थे। धक्का-मुक्की शुरू हो गई। चीख-पुकार मचने लगी। आयोजक की स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे थे। दरवाजा पूरा नहीं खोल सकते थे क्योंकि उसके पीछे बच्चे खड़े थे। जब तक स्थिति नियंत्रण में आई तब तक 183 बच्चों की मृत्यु हो चुकी थी।
इस घटना के बाद से ही पूरी दुनिया में EXIT DOOR अथवा इमरजेंसी द्वार का नियम बनाया गया ताकि विषम परिस्थितियों में उसे पूरा खोला जा सके और लोग आसानी से बाहर निकल सकें। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल पर कुछ स्पेशल भी होता है।