ग्वालियर। मध्य प्रदेश में ग्वालियर जिले के कलेक्ट्रेट ऑफिस में आज हंगामा मच गया आज जनसुनवाई के लिए आई महिलाओं में से एक महिला ने एक महिला ने अपने ऊपर केरोसिन उड़ेलकर आत्मदाह का प्रयास किया। अधिकारियों ने समय रहते महिला को रोक लिया।
महिला जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने से नाराज थी। एक साथ कई महिलाओं के प्रमाण पत्र निरस्त करने से वह नाराज थीं। कलेक्ट्रेट में अधिकारियों ने समझाइश देकर महिलाओं को फिलहाल अधिकारियों ने जाति प्रमाण पत्र फार्म भरकर देने की कहकर हंगामा शांत करा दिया है। महिलाएं ग्वालियर के झांसी रोड थाना इलाके में स्थित सिंधिया नगर पहाड़ी की रहने वाली है। जहां इनके पचास से ज्यादा परिवार रहते है। उनका कहना है कि वे मोंगिया जाति की है और प्रशासन ने उनके SC के प्रमाण पत्र बनाये थे लेकिन उनका कहना था कि वे मोंगिया आदिवासी हैं तो उनके प्रमाणपत्र में आदिवासी लिखा जाए। इसके बाद उनके प्रमाणपत्र रद्द कर दिए गए और नए बनाये नही जा रहे। वे चक्कर लगा लगाकर परेशान हैं।
पता चला है कि पिछले दिनों आदिवासी महिलाओं के जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिए गए थे। इस बात को लेकर आदिवासी महिलाओं में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है। मंगलवार को मोगिया समाज की आदिवासी महिलाएं एकजुट होकर कलेक्टर कार्यालय पहुंची थी। उस वक्त कलेक्टर कार्यालय में जन सुनवाई चल रही थी। जनसुनवाई के दौरान एक आदिवासी महिला ने खुद के ऊपर मिट्टी का तेल छिड़ककर खुदकुशी करने की कोशिश की। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने जब यह नजारा देखा तो फुर्ती दिखाते हुए महिला के हाथ से मिट्टी के तेल की बोतल छुड़ाई और महिला को खुदकुशी करने से रोका। इसके बाद महिला जमीन पर लेट गई और उसके साथ आई महिलाएं जनसुनवाई में काफी देर तक हंगामा करती रहीं। बच्चों को हॉस्टल से निकाल दिया है
सुसाइड का प्रयास करने वाली महिला सुनीता मोगिया का कहना है कि पहले प्रशासन ने हमारे गांव की महिलाओं के बहुत से जाति प्रमाण पत्र बनाए थे लेकिन कुछ दिन बाद ही उन्हें निरस्त कर दिया गया था। हम मेला आज काफी दिनों से कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काट रही है लेकिन हमारी सुनवाई नहीं हो रही है प्रणाम पत्र निरस्त होने से हमें शासन की कोई भी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिससे हमारे बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है स्कूल वाले बच्चों को पेपर नहीं देने दे रहे हैं स्कूल वाले बोल रहे हैं जाओ अपना जाति प्रमाण पत्र लेकर आओ और हमारे बच्चों को स्कूल से निकाल दिया है।
फॉर्म भरने को के लिए कहा
मामले की जानकारी देते हुए SDM सीबी प्रसाद ने बताया कि किसी आदिवासी महिला ने जनसुनवाई के दौरान अपने ऊपर मिट्टी का तेल डालकर सुसाइड करने की कोशिश की थी लेकिन समय रहते महिला को सुसाइड करने से रोक लिया गया है। मैंने महिलाओं से पहले भी बात की थी कि आप लोग मोगिया समाज के है और आप लोग SC में भी आते है। तो मैंने महिलाओं से कहा था कि मैं उनके SC के प्रमाण पत्र बना देता हूं पहले तो महिलाएं तैयार हो गई थी फिर बाद में मना करने लगी। मैंने इन महिलाओं के पहले भी प्रमाण पत्र बनाए थे लेकिन जब मैंने जांच की तो पता लगा कि अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र बनाना उचित नहीं है।
ग्वालियर के कलेक्ट्रेट में आज मंगलवार को जन सुनवाई चल रही थी इसमें अचानक पचास से ज्यादा महिलाएं पहुंच गई और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया कि उनके एसटी के प्रमाण पत्र रद्द कर दिए गये और अब बना नहीं रहे। इसके कारण उनके बच्चों को स्कूल और होस्टल से निकाल दिया गया। वे लोग छह महीने से चक्कर काट रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं कर रहा है ।