ग्वालियर। बच्चों में निमोनिया बुखार का प्रकोप बढ़ रहा है। अकेले कमलाराजा अस्पताल में 6 बच्चे भर्ती हैं जिन्हें दिमागी बुखार की शिकायत है। इसके अलावा प्राइवेट अस्पतालों में भी कई बच्चे भर्ती हैं।
ठंड के मौसम में किन बच्चों को खतरा, स्पेशलिस्ट डॉक्टर से जानिए
कमलाराजा अस्पताल में चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर आरडी दत्ता का कहना है इन बच्चों को ठंड लगने से सिर दर्द,दिमागी झटके, बुखार की शिकायत थी। जिसके चलते भर्ती हुए। ऐसे बच्चों को समय पर उपचार न मिलने पर बड़ा हादसा होने का खतरा बढ़ जाता है। बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डा विनीत चतुर्वेदी का कहना है कि इस समय वे बच्चे जिन्हें जन्मजात बीमारी है जैसे दिल में छेद, बाल्व खराब, ब्रेन की समस्या, छाति में छेद अथवा अन्य को परेशानी है उनकी सुरक्षा रखना अति आवश्यक है। क्योंकि उन्हें ठंड के कारण बीमार होने का खतरा अधिक होता है।
ठंड में नंगे पैर खेलने के कारण बच्चों को ब्रेन हेमरेज
कड़ाके की ठंड बुजुर्गों से लेकर बच्चों के लिए परेशानी का कारण बनी। ठंड से ब्रेन हेमरेज के शिकार केवल बुजुर्ग ही नहीं बल्की बच्चे भी बने हैं। पिछले एक सप्ताह में कमलाराजा अस्पताल के बाल एवं शिशु रोग विभाग में ब्रेन हेमरेज के चलते दो बच्चे भर्ती हुए। जिसमें दो साल के बच्चे को वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। जबकि 4 साल के बच्चे के हाथ पैरों ने काम करना बंद कर दिया था। इन दोंनो का दस दिन उपचार चला, अब इनकी स्थिति ठीक है और डिस्चार्ज होकर घर भी पहुंच चुके हैं।
ठंड के कारण बच्चों को किस प्रकार की बीमारियां होती हैं
बच्चों में निमोनिया और दिमागी बुखार परेशानी का कारण बनी हुई है। बाल एवं शिशुरोग विशेषज्ञ डा आरडी दत्ता का कहना है कि पांच साल बाद कड़ाके की ठंड पड़ी जब बच्चे ब्रेन हेमरेज के शिकार बनकर अस्पताल पहुंचे हैं। इसलिए बच्चों को ठंड से बचाएं। डा दत्ता का कहना है कि ओपीडी में सर्वाधिक मरीज निमोनिया, खांसी और सांस के आ रहे हैं। ठंड से बच्चों को निमोनिया की शिकायत बढ़ी है। ओपीडी में 40 फीसद बच्चे निमोनिया पीड़ित पहुंचे हैं। जबकि 20 फीसद बच्चों में ठंड के कारण दिमागी बुखार की शिकायत देखी है और 10 फीसद सर्दी,खांसी, 10 फीसद बुखार, 10उल्टी, दस्त की शिकायत लेकर आ रहे हैं।
ठंड में बच्चों को बीमार होने से बचाने के लिए क्या करें
डॉक्टर दत्ता का कहना है कि ठंड में बच्चों को घर के बाहर न निकलने दें। ठंडी हवा के संपर्क में न आने दें। गर्म कपड़े पहनाकर रखें। नहलाते समय बाथरुम बंद करके गर्म पानी से ही नहलाएं। बच्चों के लिए कमरे में ब्लोअर चलाकर रखें। छोटे बच्चों को गर्म कबंल में लपेटकर रखें। बच्चों को कपड़े में लपेटकर ही धूप में निकालें। बीमार होने पर तत्काल डाक्टर से परामर्श लें।
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