ग्वालियर। भारतीय जनता पार्टी के बागी नेता प्रीतम लोधी को पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने खुला समर्थन दे दिया। इससे पहले भी कहा जाता रहा है कि प्रीतम लोधी जो कुछ भी कर रहे हैं, उमा भारती के निर्देश और उनकी अनुमति पर करते हैं। कुल मिलाकर सन 2023 माह जनवरी दिनांक 8 और दिन रविवार को उमा भारती भाजपा के बागियों के साथ जाकर खड़ी हो गई।
प्रीतम लोधी के समर्थन में उमा भारती का बयान
उमा भारती, प्रीतम लोधी से मिलने उनके घर पहुंची। फिर चौपाल लगाई पत्रकारों को बुलाया और बयान दिया। उमा भारती ने कहा कि, ये मतभेद तुम्हारी असंयत भाषा से हो गया। इसको तुमने माफी मांगकर ठीक कर लिया। माफी नहीं देना ही अब अपराध है। माफी मांगकर इसने अपना धर्म पूरा कर लिया। हाथ जोड़कर माफी मांगी। पांव पकड़कर माफी मांगी। अब अगर माफी नहीं दी गई तो ये बड़ी भारी भूल है। इसके बाद भी माफ नहीं करोगे तो आप चाहते है कि लोग गलतियां करते ही रहे। अगर लोग उनकी गलतियों का प्रायश्चित करते हैं तो उनको पूर्ण सरंक्षण प्राप्त होना चाहिए। इसलिए मैं प्रीतम को पूरी तरह से आशीर्वाद देने आई हूं। गरीबों और शोषितों की हमेशा आवाज बने रहना। हमेशा उनके साथ खड़े रहना।
प्रीतम लोधी के समर्थन में उमा भारती की दलील
उमा भारती का कहना है कि जब पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भरे मंच से जयंत मलैया से माफी मांग ली तो फिर यदि मैं प्रीतम सिंह लोधी के यहां चाय पीने भी ना जाऊं तो जो पिछड़े, दलित और शोषित वर्ग हमारी पार्टी भाजपा पर शंका करते हैं कि हम उनका सम्मान नहीं रखते हैं यह प्रमाणित हो जाएगा।
जयंत मलैया और प्रीतम लोधी में अंतर
- जयंत मलैया ने जीवन के 40 साल पार्टी के लिए काम किया, प्रीतम लोधी ने उमा भारती के लिए काम किया।
- जयंत मलैया को मात्र नोटिस दिया गया था, प्रीतम लोधी को निष्कासित किया गया।
- जयंत मलैया ने कोई आपत्तिजनक बयान नहीं दिया, प्रीतम लोधी ने कथावाचकों को चरित्रहीन कहा और राजनीति में बयान ही भविष्य निर्धारित करते हैं।
- पार्टी में निष्कासन के खिलाफ अपील का प्रावधान है। जयंत मलैया ने अपील की थी। प्रीतम लोधी ने अपील नहीं की।
- जयंत मलैया ने बगावत नहीं की थी, प्रीतम लोधी ने निष्कासित होते ही बगावत कर दी।
- जयंत मलैया की पहचान हमेशा भाजपा नेता की रही, निष्कासन के बाद प्रीतम लोधी की पहचान बदल गई है।