नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय भारत सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए निर्धारित हाउस रेंट अलाउंस के रूल्स अपडेट कर दिए हैं। नवीन नियमों का असर केवल केंद्रीय कर्मचारियों का ही नहीं बल्कि भारत के सभी कर्मचारियों पर पड़ेगा। कुछ कैटेगरी निर्धारित की है जिसमें कर्मचारियों को HRA नहीं दिया जाएगा।
INDIA HRA NEW RULES- कितने कर्मचारी प्रभावित होंगे
कर्मचारी मकान किराया भत्ता नवीन नियम का असर केंद्रीय कर्मचारियों, राज्य सरकारों के कर्मचारी, सभी प्रकार की सरकारी कंपनियों के कर्मचारी, अर्ध शासकीय संस्थाओं के कर्मचारी, सभी प्रकार की नगर पालिका निगम आदि के कर्मचारी, सरकारी बैंकों के कर्मचारी, समाजसेवी ट्रस्ट के कर्मचारी और एलआईसी आदि के कर्मचारियों पर दिखाई देगा।
सरकारी कर्मचारियों के मकान किराया भत्ता का फार्मूला
अगर कोई सैलरीड कर्मचारी किराए के घर में रहता है तो उसे इस पर टैक्स एग्जेम्पशन भी मिलता है। सरकारी सैलरीड व्यक्ति, जो किराये के घर में रह रहा है, उसके घर से जुड़े खर्च को 3 केटेगरी में बांटा गया है। उसी आधार पर HRA दिया जाता है। -
X - 7वें वेतन आयोग के तहत 50 लाख और उससे अधिक जनसंख्या वाले एरिया में 24% HRA दिया जाता है।
Y - 5 लाख से 50 लाख के बीच आबादी वाले एरिया के कर्मचारियों को 16% HRA दिया जाता है।
Z - अगर निवास स्थान की आबादी 5 लाख से कम है, तो वहां 8% HRA दिया जाता है।
NEW HRA RULES के तहत किस कर्मचारी को भत्ता नहीं मिलेगा
- अगर कर्मचारी, दूसरे सरकारी कर्मचारी को दिए गए सरकारी आवास को शेयर करता है।
- अगर कर्मचारी के माता-पिता, बेटे या बेटी को इनमें से किसी ने घर अलॉट किया है और वह उसमें रह रहा है।
- अगर सरकारी कर्मचारी के जीवनसाथी को केंद्र या राज्य सरकार, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग और सेमी-गवर्मेंट ऑर्गनाइजेशन जैसे नगर निगम, पोर्ट ट्रस्ट, नेशनलाइज्ड बैंक, LIC आदि की ओर से घर दिया है और वह उसमें रह रहा है।
- अगर वह जीवनसाथी से अलग भी किराये पर रह रहा है, तो भी वह योग्य नहीं होगा।