इंदौर। शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने से पहले तक एक ऐसे नेता थे जो शराब का प्रबल विरोध किया करते थे लेकिन आज शराब के कारण उन पर कई बार सवाल उठ रहे हैं। यहां तक कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने भी नोटिस जारी करके पूछा है कि ज्यादा शराब बेचने के लालच में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन किया गया है। 4 सप्ताह के भीतर बताएं किसके लिए कौन जिम्मेदार है और उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है। अगली सुनवाई 13 मार्च को होगी।
मध्यप्रदेश में हाईवे पर शराब की दुकान है और बड़े-बड़े बोर्ड
हाई कोर्ट में यह जनहित याचिका डा.अमन शर्मा ने एडवोकेट अभिनव धनोतकर के माध्यम से दायर की है। इसमें कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशानुसार हाईवे से 500 मीटर के भीतर शराब दुकान नहीं खोली जा सकती। शराब दुकानों के बोर्ड भी ऐसे स्थानों पर लगाए जाने चाहिए जहां से ये आसानी से नजर नहीं आएं, लेकिन प्रदेश में इन दिशा निर्देशों का उल्लंघन हो रहा है। कई जगह हाईवे से लगकर शराब दुकानें खुल गई हैं। शराब दुकानों के बोर्ड भी ऐसी जगह लगाए गए हैं जहां से इन्हें आसानी से देखा जा सकता है।
राजमार्ग से 500 मीटर के भीतर खुली दुकानों का दिया हवाला
याचिका में बायपास, एबी रोड, राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य राजमार्ग से 500 मीटर के भीतर खुली दुकानों का हवाला देकर मांग की गई है कि इन शराब दुकानों को हाईवे से 500 मीटर दूर खोलने और दुकानों के बोर्ड मुख्य मार्ग से हटाने के आदेश दिए जाएं। मंगलवार को हाई कोर्ट की युगलपीठ के समक्ष सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की तरफ से प्रस्तुत तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
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