इंदौर। लोगों को प्रशासनिक व्यवस्था से कभी आपत्ति नहीं होती बल्कि सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों के व्यवहार से आहत हो जाते हैं। नगर निगम के सरकारी कर्मचारियों की प्रताड़ना के चलते एक मैकेनिक में शिप्रा नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली। कारण सिर्फ इतना सा है कि नगर निगम के कर्मचारियों ने उसे इस प्रकार प्रताड़ित किया कि उसके जीवन की सारी उम्मीद ही टूट गई।
नगर निगम वालों की धमकी से डर गया था मैकेनिक, उम्मीद छोड़ दी थी
इंदौर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है। उनके स्वागत सत्कार के लिए इंदौर नगर को सजाया जा रहा है लेकिन इसके 1 महीने पहले नक्षत्र गार्डन के पास गुमटी लगाकर परिवार चलाने वाले मैकेनिक राहुल वर्मा को गुमटी हटाने का आदेश सुनाया गया। राहुल 15 साल से इसी स्थान पर गुमटी लगा रहा है। पहली बार आए अधिकारियों ने उसे बताया कि यहां से कहीं दूर गुमटी लगा सकता है। राहुल ने वहां से दूर नाले के किनारे गुमटी लगा ली, लेकिन यहां पर नगर निगम के दूसरे कर्मचारी आ गए। किसी ने राहुल को यह नहीं बताया कि उसे कुछ समय के लिए गुमटी हटाना है। बल्कि इस प्रकार से हुकुम सुनाया गया जैसे उसे जीवन में कभी भी कहीं पर भी गुमटी लगाने का मौका नहीं दिया जाएगा।
इसी बात से राहुल टूट गया। उसे नहीं पता था कि न्याय मांगने के लिए उसे कहां जाना चाहिए। कर्मचारियों द्वारा भी इसके बारे में कुछ नहीं बताया गया था। नतीजा उसने आत्महत्या करने का फैसला कर लिया। उसने अपनी पत्नी को अपने फैसले के बारे में बताया। 11 सेकंड के वीडियो में सुसाइड मैसेज भी छोड़ा है। अपनी मौत के लिए उसने किसी को जिम्मेदार नहीं बताया, क्योंकि उसे पता ही नहीं कि उसकी मौत के लिए कौन जिम्मेदार है।
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