इंदौर। जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षकों की छुट्टी और मेडिकल के संबंध में रिमाइंडर जारी किया है। स्पष्ट किया है कि यदि नियमों का पालन नहीं किया गया तो अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा।
स्कूल शिक्षा विभाग- छुट्टी के आवेदनों में क्या-क्या गड़बड़ी होती है
जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से जारी पत्र में बताया गया है कि स्कूलों के प्राचार्य द्वारा अवकाश के आवेदन d.e.o. ऑफिस में अक्सर देर से भेजे जाते हैं और ज्यादातर आवेदन निर्धारित प्रारूप पर नहीं होते। आवेदन के साथ डॉक्टर का फॉर्म नंबर तीन एवं चार संलग्न नहीं होता। ऐसी स्थिति में अवकाश के प्रकरण का निराकरण नहीं किया जा सकता। यह भी देखा गया है कि अवकाश का आवेदन जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को भेज दिया जाता है किंतु उसकी कॉपी आहरण एवं संवितरण अधिकारी (विकास खंड शिक्षा अधिकारी) को नहीं भेजी जाती। ऐसी स्थिति में संबंधित सरकारी कर्मचारी का वेतन सामान्य कर्मचारियों की भांति जारी हो जाता है और यह एक प्रकार की वित्तीय अनियमितता है।
जिला शिक्षा अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि मध्य प्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा स्पष्ट निर्देशित किया है कि बीमारी के अलावा किसी भी स्थिति में छुट्टी के लिए एप्लीकेशन, मांगी गई छुट्टी की प्रारंभिक तारीख से 3 सप्ताह पहले निर्धारित प्रपत्र में प्रस्तुत किया जाना होगा। बीमारी की स्थिति में डॉक्टर के सर्टिफिकेट के साथ निर्धारित प्रोफार्मा में आवेदन पत्र प्रस्तुत किया जाना चाहिए तथा जिस दिन कर्मचारी उपस्थित होता है उसी दिन फिटनेस सर्टिफिकेट प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
यदि कर्मचारी द्वारा बाद में फिटनेस सर्टिफिकेट सबमिट किया जाता है तो उसे कंसीडर नहीं किया जाएगा। इसके अलावा आकस्मिक अवकाश की सूचना यदि व्हाट्सएप पर दी जाती है तो उसकी हार्ड कॉपी कार्यालय की आवक शाखा में अथवा ईमेल के माध्यम से अनिवार्य रूप से पहुंचाएं।
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