जबलपुर। पेंटीनाका-बरेला रोड अतिक्रमण के मामले में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर नगर निगम के कमिश्नर और बरेला के मुख्य नगरपालिका अधिकारी से शपथ पत्र पर जवाब मांगा है। उल्लेखनीय है कि शपथ पत्र पर जवाब तब मांगा जाता है जब विश्वसनीयता पर प्रश्न उपस्थित हो जाता है।
मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान अवमानना याचिकाकर्ता एमपी स्टेट बार कौंसिल के वाइस चेयरमैन व जिला बार एसोसिएशन, जबलपुर के अध्यक्ष आरके सिंह सैनी की ओर से अधिवक्ता राधेलाल गुप्ता व रमाकांत अवस्थी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि पेंटीनाका-बरेला रोड की चौड़ाई 80 फुट है लेकिन अतिक्रमणों के कारण कई जगह यह रोड संकरी कुलिया में तब्दील हो गई है।
इस रवैये के विरुद्ध पूर्व में जनहित याचिका दायर की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद अतिक्रमण जस के तस काबिज हैं। यह रवैया अवमानना की परिधि में आता है। इस रोड पर अतिक्रमणों के कारण ट्रेफिक जाम आम हो गया है। एक्सीडेंट का खतरा भी बना रहता है। गंदगी की वजह से यहां से मुंह में रूमाल रखे बिना गुजरना दूभर हो गया है।